- अमृत मिशन योजना अंतर्गत अम्बिकापुर निगम को 57.46 करोड़ रूपये स्वीकृत
- अमृत मिशन के प्रथम वर्षगांठ पर विचार गोष्ठी एवं संवाददाता सम्मेलन सम्पन्न
अम्बिकापुर
भारत सरकार के अमृत मिशन योजना अंतर्गत अम्बिकापुर नगर निगम को पेयजल, सेप्टेज मैनेजमेंट, हरित स्थल एवं उद्यानों के निर्माण के लिये 57.46 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है। उक्ताशय की जानकारी अम्बिकापुर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने अमृत मिशन के प्रथम वर्षगांठ पर राजमोहिनी देवी भवन मेें विचार गोष्ठी एवं संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिया। महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि अमृत योजना लाने में निगम के जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी व अम्बिकापुर के नागरिकों के प्रयास से ही इस महत्वकांक्षी योजना की स्वीकृति सरकार से मिली है। महापौर ने कहा कि अम्बिकापुर स्मार्ट सिटी के दौड़ में था। रायपुर नगर निगम से ज्यादा मानक अम्बिकापुर नगर निगम पूरा कर रहा था लेकिन अम्बिकापुर निगम को स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल नहीं किया गया। महापौर ने कहा कि अमृत मिशन योजना अंतर्गत घुनघुट्टा परियोजना के स्वीकृति से आगामी 50 वर्षों के लिये जल संकट दूर हो जायेगा और लोगों को पर्याप्त पानी मिल सकेगा। विचार गोष्ठी एवं संवाददाता सम्मेलन में निगम के जनप्रतिनिधियों ने इस योजना की स्वीकृति व राशि मिलने को लेकर अम्बिकापुर निगम के लिये बड़ी सफलता बताया।
जनता के ओपिनियन से मिला अमृत योजना
सम्मेलन को संबोधित करते हुये नगर निगम नेता प्रतिपक्ष जन्मेजय मिश्रा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिये अम्बिकापुर नगर निगम को 12 घंटे का समय दिया गया था। कमियों की वजह से दौड़ में शामिल नहीं हो सके। जनता ने जो अपना ओपिनियन दिया था उसी के तहत अमृत योजना की सौगात मिली है। श्री मिश्रा ने बताया कि इस योजना के आने से पूर्व निगम के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज ने घुनघुट्टा से पानी लाने के लिये योजना बनाई थी। अम्बिकापुर नगर निगम विकास के लिये सरकार से डेढ़ सौ करोड़ की राशि मिलने की संभावना है, जिससे नगर विकास में तेजी आयेगा।
अमृत योजना अंतर्गत पेयजल आपूर्ति नगरीय क्षेत्र में मिशन के मानकों के अनुरूप पेयजल आपूर्ति के कार्य हेतु कुल राशि रूपये 46.16 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक आवासीय भवनों में स्मार्ट मीटर युक्त नल संयोजन, निर्धारित मानक अनुसार 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिवस के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने तथा आपूर्ति किये जाने वाले पेयजल की गुणवत्ता 100 प्रतिशत स्तर तक सुनिश्चित किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्य हेतु घुनघुट्टा डेम के आरबीसी जगदीशपुर में कनाल इंटेकवेल का निर्माण करते हुये 13.5 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाना, 4 नग उच्च स्तरीय जलागारों का निर्माण, पाईप लाईन विस्तार, जल शोधन संयंत्र हेतु पावर स्टेशन का निर्माण, पेयजल की गुणवत्ता एवं प्रबंधन कार्य हेतु स्काडा प्रणाली स्थापित किये जाने का प्रावधान रखा गया है। महापौर ने बताया कि घुनघुट्टा परियोजना के लिये टीम तैयार हो गई है। सर्वें के बाद आगामी 6 महीनों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा।
भूजल स्त्रोंतों के प्रदूषण को रोकने हेतु निजी, सार्वजनिक, सामुदायिक शौचालयों में सृजित होने वाले सेप्टेज के उपचार एवं पुनर्चक्रीकरण कार्य हेतु राशि रूपये 6 करोड़ का प्रावधान मिशन के स्लीप में किया गया है, जिसके अंतर्गत एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा कार्य हेेतु आवश्यक मशीनरियों का क्रय किया जाना प्रावधानित है। सेप्टेज मैनेजमेंट कार्य के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में स्थित प्रत्येक सेप्टिक टैंक को अधिकतम दो वर्ष में सफाई किये जाने एवं इस कार्य हेतु एकत्रित सीवेज का विधिवत उपचार एवं पुनर्चक्रीकरण का कार्य किया जाना सम्मिलित है। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु भिऋीकला में एक प्लांट बनाया जायेगा। इस योजना के लिये 6 करोड़ की राशि स्वीकृति मिली है।
अमृत मिशन योजना अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण स्तर को कम किये जाने के मूल उद्देश्य से नगरीय क्षेत्र में हरित स्थल एवं उद्यानों के विकास का कार्य किया जायेगा। योजना अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में विभिन्न स्थलों पर हरित स्थल एवं सर्वसुविधा युक्त उद्यानों का निर्माण जिसमें अहाता, फेसिंग, फुटपाथ, खेल उपकरण, व्यायाम उपकरण, प्रसाधन, पेयजल, कैटिन आदि का यथोचित प्रावधान रखा गया है। 4.30 करोड़ की राशि से इस योजना का क्रियान्वयन होगा। इसके अलावा सुधार कार्यक्रम के लिये एक करोड़ रूपये की स्वीकृति निगम को मिली है। महापौर डॉ. अजय तिर्की ने बताया कि 57.46 करोड़ रूपये की 10 प्रतिशत राशि निगम को मिल गई है।