आखिर ह्त्या के आरोपी CRPF जवानो की कब होगी गिरफ्तारी..?

  • हत्या में शामिल सीआरपीएफ के दो जवानों को कोतवाली पुलिस नहीं कर पाई गिरफ्तार
  • कोतवाली पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारियों में तना-तनी

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर नगर के पूर्व विधायक देवेश्वर सिंह के पुत्र संजय सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाये जाने वाले सीआरपीएफ के दो जवानों को आज कोतवाली पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। दोनों जवान कोतवाली में आकर वापस चले गये। सीआरपीएफ के दोनों जवानों को गिरफ्तार करते दौरान सीआरपीएफ अधिकारियों व कोतवाली पुलिस में तना-तनी की स्थिति भी निर्मित हो गई थी। आरोपी सीआरपीएफ के जवान का कहना था कि कोतवाली पुलिस उन्हें पूछताछ के लिये बुलाई थी और बाद में गिरफ्तार करने लगी जो गलत है।

यह है पूरा मामला

विदित हो कि 2 अगस्त 2015 के दिन नगर के अग्रसेन चौक निवासी संजय सिहं पिता देवेश्वर सिंह के साथ सीआरपीएफ के दो जवानों द्वारा मारपीट की घटना सामने आई थी। मामले में कोतवाली पुलिस ने दोनों जवानों पर मारपीट का मामला दर्ज कर लिया था। मारपीट की वजह यह बताई गई थी कि उक्त दिवस रविवार को सीआरपीएफ के दोनों जवान अग्रसेन चौक पर जेब में शराब की बोतल रखे हुये थे, जिस पर कुछ लोगों ने टिप्पणी की थी और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया था। आवेश में आकर सीआरपीएफ के दोनों जवानों ने वहां मौजूद संजय सिंह के सिर में प्राणघातक हमला कर दिया था, जिससे वे अचेत होकर वहीं गिर गये थे। परिजनों द्वारा संजय सिंह को उपचार हेतु रायपुर में भर्ती कराया गया था। लगभग 70 दिन तक रायपुर में चले उपचार के बाद संजय सिंह की मौत हो गई थी। व्यवसायी की मौत के बाद कोतवाली पुलिस ने मामले में हत्या का मामला दर्ज कर तफतिश में जुटी हुई थी। लम्बे समय तक जांच पड़ताल के बाद सीआरपीएफ के दोनों जवानों के द्वारा मारपीट से मौत होने की पुष्टि होने पर कोतवाली पुलिस ने महाराष्ट्र व जगदलपुर में पदस्थ सीआरपीएफ के दोनों जवानों को पूछताछ के लिये कोतवाली बुलाया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करना चाहा तो दोनों जवान पूरजोर तरीके से विवाद करने लगे और घटनाक्रम की जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी। पुलिस व सीआरपीएफ के आलाधिकारियों में गिरफ्तारी को लेकर काफी देर तक तना-तनी की स्थिति बनी रही। आखिरकार पुलिस जवानों को गिरफ्तार नहीं कर पाई और दोनों वापस लौट गये।