अंम्बिकापुर(खबरपथ)- राशन की अफरा तफरी मे अव्वल सरगुजा जिले मे कभी महीने भर का राशन गायब हो जाता है,, तो कभी बिना राशन दिए उनके राशन कार्ड मे राशन की मात्रा चढा दी जाती है। लेकिन खाद्य अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी केवल जांच का आश्वासन ही मिलता है,, जबकि मामला खाद्य सुरक्षा कानून से जुडा है।
सरगुजा जिले मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत खाद्य सामग्री के बंदरबाट का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है,, ताजा मामला सरगुजा जिले के करमाहा ग्राम पंचायत का है,, जंहा मुख्यमंत्री खाद्दान्न योजना के तहत 200 से अधिक ऐसे हितग्राहियो है, जिन्हे प्रतिमाह राशन दिया जाना तय है,, लेकिन पिछले 15 वर्षो से अधिक समय से यंहा राशन वितरण की व्यवस्था गांव के पूर्व सरंपच सुखदेव चेरवा के पास है,, जो अपनी मां के नाम से स्वं सहायता समूह बना कर राशन वितरण का काम करवाता है। वैसे तो करमाहा गांव मे हर महीने राशन की अफरा तफरी की जाती है, लेकिन इस बार जब राशनवितरणकर्ता उप सरपंच ने गडबडी की तो लोगो ने विरोध इस बात का विरोध शुरु कर दिया । दरअसल इस बार पीडीएस प्रणाली से शक्कर का वितरण गांव के किसी हितग्राही को नही हुआ,, लेकिन सभी हितग्राहियो के राशन कार्ड मे शक्कर की मात्रा चढा दी गई ,, इतना ही नही आधा आधा लीटर केरोसीन बांट कर हितग्राहियो के राशन कार्ड मे उसे तीन चार लीटर चढा दिया गया। मामला गंभीर है ,लेकिन इस बार गांव की जनता इस बात को लेकर आंदलोन के मूड मे आ गई है। और इस बात की शिकायत ग्रामीण जिला खाद्य अधिकारी से करने के मूड मे है,, लेकिन उन्हे डर की उन्ही के संरक्षण मे राशन दुकान चलाने वाले सुखदेव चेरवा पर कारवाही होगी की नही।
नियम के मुताबिक राशन के डंपिग से लेकर उसके वितरण तक क्षेत्र के पटवारी, संरपच, और सचिव को वंहा मौजूद होना चाहिए,, लेकिन लोगो के मुताबिक आज तक राशन वितरण प्रकिया मे कोई मौजूद नही रहा,, लिहाजा 15-20 वर्षो से राशन दुकान संचालित करने वाले गांव के दंबग ने अपनी मनमानी से लोगो के भूख के साथ खिलवाड किया है,, लेकिन कोई कुछ कहने वाला नही है, जानकारी के मुताबिक अपनी मां के स्वं सहायता समूह के नाम से पीडीएस प्रणाली का राशन वितरण करने वाला सुखदेव चेरवा को क्षेत्र के विधायक का संरक्षण प्राप्त है।