
बलरामपुर..जिले में साप्ताहिक अवकाश के दिन के भी स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से गुमास्ता एक्ट का पालन नही हो रहा है..बता दे कि वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान व्यापारी संघ और स्थानीय प्रशासन की पहल पर शनिवार को सप्ताह में एक दिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने की पहल की गई थी..और शुरुआती दौर में शनिवार को भी व्यावसायिक प्रतिष्ठाने खोलने पर गुमास्ता एक्ट के तहत नगर पालिका के द्वारा कार्यवाही गई थी..लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया..व्यापारियों में गुमास्ता एक्ट का भय अब खत्म हो चुका है..
जिला मुख्यालय के कई ऐसे व्यवसायिक प्रतिष्ठान है जो व्यापारी संघ के निर्णय को भी दरकिनार कर अपने मर्जी के मालिक बने हुए..ऐसे में नगर में गुमास्ता एक्ट का पालन नही हो पा रहा है..गिने -चुने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दे तो मुख्यालय में कई ऐसे प्रतिष्ठान है..जहां गुमास्ता एक्ट का पालन ही नहीं हो रहा है..इसके साथ ही कुछ व्यापारी तो ऐसे है..जिन्हें गुमास्ता एक्ट ही पता नहीं है..
शहर में गुमास्ता एक्ट का पालन नहीं होने से व्यवसायियों में आपसी प्रतिस्पर्धा आड़े आ रही है..और कुछ व्यवसाई भी अब गुमास्ता एक्ट का दबंगई पूर्वक खुलेआम उल्लंघन करने के मूड में नजर आ रहे है!.
क्या है गुमास्ता एक्ट?
एक ऐसा कानून है, जो किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान के लिए एक अनिवार्य पंजीकरण है। इसे शॉप एक्ट लाइसेंस भी कहते हैं, और यह व्यवसायों को कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति देता है। यह अधिनियम कर्मचारियों के काम करने की शर्तों, उनके अधिकारों, और कार्यस्थल की स्वच्छता जैसे पहलुओं को नियंत्रित करता है, साथ ही यह व्यवसायों को सरकारी और वित्तीय संस्थानों के साथ व्यवहार करने में मदद करता है।