
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कांग्रेस के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को लेकर बड़ा बयान दिया है। शर्मा ने आरोप लगाया कि बस्तर में बढ़ी हिंसा और नक्सलवाद के लिए रेड्डी का फैसला जिम्मेदार रहा, जिसकी वजह से न जाने कितनी निर्दोष जानें गईं।
शर्मा ने कहा कि वर्ष 2011 में न्यायाधीश रहते हुए बी सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को गैरकानूनी घोषित कर दिया था और सीबीआई जांच की भी सिफारिश की थी। इस फैसले के बाद नक्सलियों के खिलाफ चल रहा आंदोलन ध्वस्त हो गया और बस्तर अगले 15 साल तक हिंसा की आग में झुलसता रहा। डिप्टी सीएम ने कहा, “अगर उस समय आंदोलन नहीं रोका जाता, तो बस्तर से नक्सलवाद खत्म हो सकता था। लोगों में खुद से लड़ने का उत्साह था, लेकिन रेड्डी के आदेश ने सबकुछ तबाह कर दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि अब प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद हालात बदल रहे हैं और बस्तर नक्सल हिंसा से धीरे-धीरे उबर रहा है।
बता दें कि सलवा जुडूम आंदोलन की शुरुआत साल 2005 में बस्तर टाइगर कहे जाने वाले कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा ने की थी। गोंडी भाषा के इस शब्द का अर्थ ‘शांति यात्रा’ या ‘शांति का कारवां’ है। इसका मकसद था आम लोगों को नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में शामिल करना। हालांकि, साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया।
इसी दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कैबिनेट विस्तार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बहुत सोच-समझकर नए चेहरों को जिम्मेदारी दी है। “नए चेहरे नई उम्मीद और नए प्रतिमान गढ़ेंगे। साथ ही मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं, जिनका अनुभव सरकार को मजबूत बनाएगा।”
गौरतलब है कि 20 अगस्त को छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। इस विस्तार में दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब को मंत्री बनाया गया। विभागों के बंटवारे में गजेंद्र यादव को शिक्षा, राजेश अग्रवाल को पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व विभाग तथा गुरु खुशवंत साहेब को कौशल विकास की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही साय मंत्रिमंडल में अब कुल 14 मंत्री शामिल हो गए हैं।