
अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..सरगुजा जिले के सीतापुर इलाके में बारिश में रेत खनन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हैं। बारिश थमते ही रेत माफिया आसपास के नदी नालों से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर रहे है। जिसे स्टॉक करते हुए रेत माफिया बारिश के दिनों में महंगे दामों पर बेचकर मोटी कमाई कर रहे है। इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही होने से रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। रेत के अवैध कारोबार करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होने से शासन को राजस्व की हानि हो रही है। वही नदी नालों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि बारिश के मौसम में नदी नालों से रेत खनन एवं परिवहन पर रोकथाम के लिए 15 जून से रोक लगा दी गई है। ताकि रेत खनन एवं परिवहन से नदी नालों में एवं आसपास के क्षेत्रों में कटाव, जल प्रदूषण, वनस्पति एवं जलजीवों को कोई नुकसान न पहुँचे। इसके बाद भी क्षेत्र में रेत का अवैध खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। बारिश थमते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं जो आसपास के नदी नालों से अवैध रूप से रेत खनन एवं परिवहन को अंजाम दे रहे हैं। रेत माफिया ट्रैक्टरों के जरिये नदी से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर उसका स्टॉक कर रहे है। ताकि बारिश के दिनों में रेत की किल्लत होने पर महंगे दामों पर रेत बेचकर मोटी कमाई किया जा सके।
रेत का अवैध खनन एवं परिवहन खुलेआम होने के बाद भी संबंधित अधिकारियों की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। धड़ल्ले से चल रहे रेत के अवैध खनन एवं परिवहन के विरुद्ध अधिकारी कार्यवाही करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जिससे रेत माफिया के हौसले बुलंद है और वो बेखौफ होकर अपने मंसूबो को अंजाम दे रहे है। रेत माफिया के ऊपर मेहरबान अधिकारियों की वजह से जहाँ शासन के नियमों की धज्जियां उड़ रही है। वही रेत के अवैध कारोबार से मोटी कमाई करने वाले रेत माफियाओं की वजह से शासन को राजस्व की क्षति झेलनी पड़ रही हैं।
सोनतराई में जमा किया जा रहा है रेत का स्टॉक
बारिश थमते ही रेत माफियाओं द्वारा नदी नालों से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर उसे ग्राम सोनतराई में डंप किया जा रहा है। विगत कई दिनों से ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रक के माध्यम से अवैध रूप से रेत लाकर स्टॉक किया जा रहा है। ताकि बारिश के दिनों में रेत की होने वाली किल्लत के दौरान महंगे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सके। पिछली बार भी यहाँ मांड नदी एवं आसपास के नालों से अवैध खनन एवं परिवहन के जरिये भारी मात्रा में रेत डंप किया गया था। जिसे बारिश के दिनों में महंगे दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया गया था।
इस बार फिर बारिश के थमते ही यहाँ रेत माफिया द्वारा अवैध रूप से खनन एवं परिवहन के जरिये रेत डंप किया जा रहा है। नेशनल हाईवे से सटे रेत के इस स्टॉक पर और दिनदहाड़े हो रहे अवैध रेत परिवहन पर खनिज विभाग एवं संबंधित अधिकारियों की नजर न पड़ना हैरान करने वाला है। रेत माफिया पर अधिकारियों की इतनी मेहरबानी भी लोगों के समझ से परे है। शासन द्वारा रेत खनन एवं परिवहन पर प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहे अवैध रेत खनन एवं परिवहन पर अधिकारियों की चुप्पी ने कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
इस संबंध में एसडीएम नीरज कौशिक ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद अगर रेत का खनन एवं परिवहन किया जा रहे है। तो ये गलत है और इसके विरुद्ध कार्यवाही के लिए माइनिंग इंस्पेक्टर को मौके पर भेजकर जांच कराई जायेगी।