बलरामपुर/रामानुजगंज
वन परिक्षेत्र रामानुजगंज के अंतर्गत ग्राम छतवा में वन विभाग द्वारा करीब १५ लाख रूपये लागत से हाथी क्षेत्र में तालाब का निर्माण किया जा रहा है, जहां आसपास के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा बन रहे तालाब से बड़ी संख्या में पेड़ो की बलि ले ली गई है। इस संबंध में विभाग से पूछे जाने पर डूबान क्षेत्र में आने के कारण पेड़ों को हटाने की बात कह पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
गौरतलब है कि वन परिक्षेत्र रामानुजगंज द्वारा ग्राम छतवा के बरवाढोढा नाला पर हाथी रहवास के लिये करीब १५ लाख रूपये से तालाब का निर्माण करवाया जा हरा है, जहां ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब निर्माण के नाम वन विभाग द्वारा जेसीबी से बड़ी संख्या में पेड़ों को उखड़वा दिये गये। तालाब निर्माण के नाम पर बड़ी संख्या में मोटे-मोटे वर्षों पुराने पेड़ों की भी बलि ले ली गई। जेसीबी से अधिकांश पेड़ों को ५ जुलाई विश्व पर्यावरण के दिन ही उखाड़े गये, एक तरफ वन विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के नाम पर खानापूर्ति करते हुये जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से ईमारती छायादार के पौधों की जगह गुलाब के पौधे वन वाटिका में लगवाये तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में वृक्षों को उखड़वा दिये गये। इस संबंध में एसडीओ एसएन ओझा ने कहा कि हाथियों के लिये पेयजल तालाब खोदा जा रहा है। पेड़ों की अवैध कटाई नहीं की गई है उन्हीं पेड़ों को उखाड़ा गया है जो एकदम से डूबान क्षेत्र में आ रहे थे। पेड़ों को डीपों में ले जा नीलामी करवाई जायेगी।