
रायपुर। कर्मचारियों के शेयर मार्केट में इंट्रा डे ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी, बीटीएसटी में निवेश पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य के सरकारी कर्मचारियों को पहले सीधे तौर पर शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी फरमान जारी किया गया था।
जिसके बाद संशोधित आदेश जारी कर स्पष्टीकरण की सूचना प्रकाशित की गयी है, जिसमें शेयर मार्केट में इंट्रा डे ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी, बीटीएसटी प्रतिभूति में निवेश करने के लिये प्रतिबंध लगाया है और राजपत्र में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। राज्य सरकार का यह कदम गलत और कर्मचारी विरोधी है। कर्मचारी राज्य सरकार के अधीन अपनी सेवाएं देता है वह कोई राज्य सरकार का गुलाम नहीं है। जो राज्य सरकार उन पर अपनी गैरकानूनी शर्ते थोपे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी बालिग है और स्वतंत्र है कि अपने कमाई को कहा निवेश करना है, कब करना है, कितने समय के लिये करना है, शेयर मार्केट में लगाना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना है, बीटीएसटी या क्रिप्टोकरेंसी में यह उनका अपना व्यक्तिगत निर्णय है, राज्य सरकार कौन होती है इसमें प्रतिबंध लगाने वाली राज्य सरकार ने राजपत्र में प्रकाशित किया वह गलत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कर्मचारी राज्य सरकार के अंदर नौकरी करते है वह अलग बात है लेकिन स्वतंत्र भारत के नागरिक है और उनका मूलभूत अधिकार है। कानून के तहत कही भी अपना निवेश कर सकता है। सरकार बताये उसने कर्मचारियों को निवेश करने से क्यों रोका है? क्या राज्य सरकार यह मानती है कि शेयर मार्केट में इंट्रा डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी, क्रिप्टोकरेंसी और प्रतिभूति में पैसा लगाना गैरकानूनी है?
राज्य सरकार ऐसा मानती है शेयर मार्केट निवेश गैर कानूनी है तो स्पष्ट करना चाहिये। यदि अनुचित है तो सभी के लिये प्रतिबंधित होना चाहिए, नहीं है तो कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों? एक तरफ राज्य सरकार खुद ही क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगवा रही है, यदि गैरकानूनी नही तो राज्य सरकार ने क्यों लगाया?