दिल्ली
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पहले कॉल ड्रॉप होने पर कम्पनियों पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव लाया था लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। अब ट्राई ने सरकार से कॉल ड्रॉप पर लगाम लगाने के लिए नियम और कड़े करने की मांग की है। ट्राई का कहना है कि कॉल ड्रॉप पर तय नियमों के उल्लघंन पर संबंधित मोबाइल ऑपरेटर कम्पनी के अफसरों को 2 साल की जेल हो। साथ ही संबंधित कम्पनी पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था ट्राई का आदेश
ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर सख्ती दिखाते हुए हाल ही में मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों के खिलाफ जुर्माना लगाए जाने का आदेश जारी किया था। इस तहत संबंधित कम्पनी पर प्रति कॉल ड्रॉप 1 रुपए का जुर्माना लगाया जाना था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया था। इसके बाद ट्राई ने नए सिरे से रेग्युलेशन की पहल की है।
सेक्शन 29 में संशोधन का प्रस्ताव
नियामक ने ट्राई कानून, 1997 की धारा 29 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। यह धारा उसके निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने के बारे में है। ट्राई ने डिपार्टमेंट ऑफ टैलीकॉम (DOT) से कहा, ‘अगर सर्विस प्रोवाइडर इस एक्ट के रेग्युलेशन, लाइसैंस के टर्म्स और कंडीशन के खिलाफ काम करते हैं, तो ऐसे मोबाइल ऑपरेटर कम्पनियों पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।’
10 जून को ट्राई की अहम मीटिंग
ट्राई की ओर से पिछले कुछ रियलिटी चेक में कॉल ड्रॉप को लेकर काफी चिंताजनक स्थिति सामने आई है। अभी ट्राई को कॉल ड्रॉप के लिए जिम्मेदार संबंधित सर्विस कम्पनी पर अधिकतम 2 लाख रुपए जुर्माना लगाने का अधिकार है। ट्राई इसकी सीमा बढ़ाने की कोशिश में है। 10 जून को कॉल ड्रॉप को लेकर ट्राई ने एक अहम मीटिंग भी बुलाई है।