अम्बिकापुर(खबरपथ)- शिक्षाकर्मियो के लिए आबंटित करोडो रुपए रुपए मे बैंक अधिकारियो से सांट गांठ कर लाखो रुपए की ब्याज , पंचायत एंव आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी गोल माल कर रहे है। जिसके कारण ही पंचायत शिक्षको को समय से वेतन नही मिल पा रहा है और शिक्षाकर्मियो की पगार के लिए बैंक मे जमा करोडो रुपए की ब्याज ना जाने कौन हजम कर रहा है ?
शिक्षाकर्मियो को समय से वेतन से मिल सके, इसके लिए समय समय पर जिला पंचायत के द्वारा जिले के सभी जनपदो और विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियो को दिशा निर्देश दिया जाता है,, इसके बावजूद अविभाजित सरगुजा के 18 जनपदो मे एक भी जनपद , जिला पंचायत के निर्देशो का पालन नही कर रही है, जिसका कारण शायद जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियो को भी पता नही होगा। यही कारण है कि जनपद पंचायत के सीईओ और बीईओ के द्वारा आपसी तालमेल बैठा कर शिक्षाकर्मियो के वेतन के लिए आबंटित कोरोडो रुपए के ब्याज का बंदरबांट प्रति माह किया जा रहा है,, इसके बावजूद इन पर नकेल कसने वाला कोई नही है।
मौजूदा मामला अम्बिकापुर के जनपद पंचायत से जुडा हुआ है। दरअसल नवीन वेतनमान के तहत जिला पंचायत के द्वारा यह आदेश दिया गया था कि विकास यात्रा से पहले नवीन वेतनमान ते तहत शिक्षाकर्मियो को दिया जाए । लेकिन विकास यात्रा के बाद आज तक अम्बिकापुर विकासखण्ड के शिक्षाकर्मियो को नवीन क्या पुराना वेतन भी नसीब नही हो सका है। ऐसे मे यह साबित हो जाता है कि अम्बिकापुर के सीईओ और बीईओ ,, अपने वरिष्ट अधिकारियो के आदेश को किस तरह हल्के मे लेते है। बहरहाल शिक्षाकर्मियो को आखिर वेतन क्यो नही मिल पा रहा है, इस बात पर सूत्रो की माने तो अम्बिकापुर ब्लाक मे पदस्थ 15 सौ शिक्षाकर्मियो के वेतन के लिए लगभग 6 करोड रुपए आबंटित हुए जिसके लाखो रुपए के ब्याज को हजम करने की नीयत से अधिकारियो ने एक नया जुगाड खोज निकाला,, जिसके तहत उन्होने बैंक आँफ इण्डिया के अधिकारियो से गुप्त मीटिंग की,, और तकरीबन 1500 शिक्षाकर्मियो का नया बैंक खाता बीओआई मे खोलने के मौखिक निर्देश जारी कर दिए। इधर इस बात की जानकारी मिलते ही शिक्षाकर्मी संध के कुछ पदाधिकारी ने इसके विरोध स्वरुप जनपद सीईओ से भी मुलाकात की है, और स्पष्ट रुप से इस बात को रखा है कि नए एकाउंट नही खोला जाएगा। जबकि शिक्षा कर्मियो को उनके पुराने बैंक खातो के माध्यम से ही वेतन दिया जाए । जिस पर जनपद सीईओ ने अपनी सहमति तो दे दी,, लेकिन विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आज भी अपनी बातो पर अडे हुए है,, जिसके कारण सैकडो शिक्षाकर्मियो का वेतन आज तक नही मिल पाया है। जानकारी तो यंहा तक है कि बीईओ श्री मिश्रा ने 1500 सौ शिक्षाकर्मियो की सहमति बगैर ही बैंक आफ इण्डिया मे अस्थाई बैंक खाता क्रमांक जारी करवा दिया है। लेकिन शिक्षाकर्मियो ने जारी बैंक खाता क्रमांक को स्वीकार नही किया है।
सूत्रो की माने तो अम्बिकापुर के बीईओ श्री डी.एन.मिश्रा लंबे समय से यही पदस्थ और कई गंभीर शिकायतो के बाद इनका तबादला कर दिया गया है। ऐसे मे आनन फानन मे लाखो का ब्याज हजम करने के चक्कर मे बीईओ महोदय शिक्षाकर्मियो का वेतन देने मे लेटलतीफी कर रहे है। यही नही ट्राईबल विभाग की मेहरबानी उन पर लंबे समय से बनी है ,, इसी कारण श्री मिश्रा अंजाम की परवाह किए बिना नियम विरुद्द कार्य करने से परहेज नही करते है, लेकिन ताजुब इस बात से है कि श्री मिश्रा की लीला जिला प्रशासन के लोगो को क्यो नजर नही आ रही है।
बाक्स मे लगाए—मुख्यालय मे ऐसा तो दूरस्थ क्षेत्रो मे कैसा……
जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले अंबिकापुर विकास खण्ड की स्थिती इतनी बदतर है तो जो विकासखण्ड काफी दूर स्थित है तो वंहा की स्थिती का अंदाजा साफा तौर पर लगाया जा सकता है। शिक्षाकर्मियो को समय से वेतन नही मिल पा रहा है , इस बात को जिला प्रशासन भी स्वीकार कर चुका है, व ऐसे विकासखण्डो को चिंन्हाकित भी किया गया है लेकिन आवश्य कार्यवाही नही होने के कारण स्थिती पूर्व की तरह ही बनी हुई है। कुछ ब्लाको की स्थिती तो ऐसी तो ऐसी भी है कि शिक्षाकर्मियो को अपने मेहनताना के लिए बाबूओ के माध्यम से बीईओ और सीईओ को चढावा चढाना पडता है।
बयान—बाक्स मे लगाए
डी.एन.मिश्रा, बीईओ ,अम्बिकापुर
वेतनमान की गणना मे देरी होने के कारण अम्बिकापुर के शिक्षाकर्मियो को वेतन नही दिया गया है, बैंक आँफ इण्डिया मे सभी शिक्षाकर्मियो के खाता खुलवाने के संबध मे श्री मिश्रा का कहना है कि पूर्व सीईओ श्री संदीपन के द्वारा ये आदेश दिया गया था, एक ही बैंक मे खाता खुलवाया जाए ताकि वेतन देने मे सहुलियत हो।
मनोज वर्मा, जिला अध्यक्ष , पंचायत शिक्षक संध
अम्बिकापुर जनपद पंचाय़त मे घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार के कारण ऐसी स्थिती निर्मित हुई है, जब सभी विकासखण्डो मे वेतन दे दिया गया है तो फिर यंहा समय से वेतन क्यो नही दिया गया है।