
फटाफट डेस्क। अगर आपने डीमैट ओपन कराया है या डीमैट अकाउंटहोल्डर हैं तो आप इसे आधार के साथ आसानी से घर बैठे ऑनलाइन लिंक करा सकते हैं। डीमैट को आधार से लिंक कराने के अपने फायदे भी हैं। एसबीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, आज के समय में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने डीमैट अकाउंट को आधार से लिंक करना अनिवार्य भी कर दिया है। अगर डीमैट अकाउंट अनलिंक रहता है, तो ब्रोकर को अनिवार्य रूप से उस डीमैट खाते को फ्रीज करना होगा और लिंकिंग पूरी होने तक किसी भी लेनदेन की अनुमति नहीं देनी होगी।
लिंक कराने के प्रोसेस से पहले तैयार रखें ये डॉक्यूमेंट्स
आधार नंबर को डीमैट से लिंक करने के लिए ऑनलाइन प्रोसेस शुरू करने से पहले अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीमैट खाता संख्या (डीपी आईडी और क्लाइंट आईडी), रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, रजिस्टर्ड ईमेल तक एक्सेस आदि तैयार रखें। अगर आपके पास ये सब है, तो आप इस प्रक्रिया को 10 मिनट में पूरा कर सकते हैं।
ऐसे ऑनलाइन करें लिंक
– सबसे पहले डिपॉजिटरी, NSDL (www.nsdl.co.in) या CDSL (www.cdslindia.com) की वेबसाइट पर जाएं।
– वेब पोर्टल पर पहुंचने के बाद, आपको अपने आधार नंबर को डीमैट अकाउंट से लिंक करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना है
– लिंक क्लिक करने पर आपको अगले स्टेप पर जाने के लिए डीपी नाम, डीपी आईडी, ग्राहक आईडी और आयकर पैन जैसी डिटेल भरने होंगे।
– डिटेल भरने के बाद, आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और अपने रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर एक वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा।
– अगले स्टेप पर जाने के लिए वेबसाइट पर दिए गए स्थान पर ओटीपी दर्ज करें।
– एक बार जब आप OTP दर्ज कर लेंगे, तो आपको अपने ऑनलाइन डीमैट खाते का विवरण देखने की अनुमति मिल जाएगी। यहां, आप नाम, आयु, पता, मोबाइल नंबर, लिंक्ड बैंक खाता, ईमेल आईडी आदि जैसी जानकारी देख सकते हैं। आपको डिटेल वेरिफाई और कन्फर्म करने की जरूरत है।
– अगले स्टेप में आपको आधार नंबर, लिंग और जन्म तिथि दर्ज करनी होगी। एक बार जब आप विशेष रूप से विवरण की जांच कर लेते हैं और फिर आगे बढ़ें पर क्लिक करते हैं, तो आप अगले स्टेप पर जा सकते हैं।
– एक बार डिटेल्स भरने के बाद, आप अपने आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP दर्ज करेंगे। यह ओटीपी UIDAI से आता है। अब आपको ओटीपी दर्ज करके सबमिट पर क्लिक करना होगा।
– आपको एक एसएमएस और ईमेल सूचना मिलेगी जिसमें पुष्टि की जाएगी कि आपका आधार नंबर आपके डीमैट खाते से लिंक हो गया है। यह वास्तविक समय में होता है जब तक कि कोई विसंगति न हो, ऐसी स्थिति में आपको इसे ऑफ़लाइन हल करना पड़ सकता है।
दोनों को लिंक कराने के फायदे
इससे डीमैट अकाउंट की सुरक्षा बढ़ जाती है और धोखाधड़ी या हैकिंग की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, अगर आपका डीमैट अकाउंट पहले से ही आधार से जुड़ा हुआ है, तो रेकरिंग बेसिस पर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) पूरा करना बहुत आसान हो जाता है। साथ ही यह बैंक, म्यूचुअल फंड, शेयर आदि के आपके सभी लेन-देन को आधार के दायरे में लाता है, जिससे आपको एक व्यापक दृष्टिकोण भी हासिल होता है।