
जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र के सांसद कमलेश जांगड़े को सांसद बने मुश्किल से एक वर्ष होने जा रहा है. साल भर में जनता के प्रति व्यवहार ना तो वह खुद बना पाई है,न ही उनके पति बना पाए. जनता उनके पति के व्यवहार से परेशान हैं.अपने आप को सांसद से कम नहीं समझते. जांजगीर चांपा क्षेत्र के लोगों का कहना है किसी काम की समस्या को लेकर सांसद मैडम को खोजना पड़ता है. जांजगीर मुख्यालय में न तो उनका कोई अस्थाई निवास है, नहीं जनसंपर्क कार्यालय है. जहां क्षेत्र की जनता अपने सांसद से अपनी समस्या बता पाए, जनता का कहना है कि जांजगीर मुख्यालय में दो दिवस उनको बैठना चाहिए जिसमें जनता उनसे रूबरू हो सके. किसी समस्या के लिए जब सांसद बात करना होता है तो उनका घर मसानियाकला सक्ति जिला जाना होता है. जहां उनके पति से मुलाकात होता है लेकिन उनके पति के दुर्व्यवहार से जनता का काम नहीं होता, और वापस आना होता है। जिसके कारण समय एवं पैसे दोनों खर्च होता है. अगर जांजगीर मुख्यालय में दो दिन भी समय दे तो जांजगीर चांपा क्षेत्र की समस्या दूर हो जाएगी । जनता अगर किसी काम से उनके निवास मसानियाकला पहुंच जाते हैं तो सांसद मैडम घर में बहुत कम मिलती है,दौरे के कारण वह बाहर रहती है।

घर में उनके पति बसंत जांगड़े मिलते है जिनका व्यवहार आम जनता के साथ पत्रकारों से भी खराब है.ऐसा लगता है जैसे वही सांसद हैं.जनता एवं पत्रकारों से इस तरह दुर्व्यवहार करते हैं जैसे उनको पहचानते नहीं. एक प्रिंट मिडिया के पत्रकार ने बताया की सांसद मैडम से मिलने उनके निवास गया था लेकिन उनके पति के दुर्व्यहार से परेशान हो कर वापस आ गया। उनका कहना था कि वोट मांगने के लिए द्वार द्वार तक पहुंचने एवं पैर छूकर आशीर्वाद लेने के बाद जब पद मिल गया है तो लोग किस तरह बदल जाते हैं इसका एक उदाहरण देखने को मिल रहा है। अब सांसद के पति अपने आप सांसद समझने लगे है.जिससे जनता बहुत परेशान है.आने वाले समय में अगर यही हाल रहा तो जनता इसका हिसाब जरूर लेगी।
पत्रकारों से लेना देना नहीं…
एक प्रिंट मिडिया के पत्रकार का कहना है सांसद एवं सांसद के पति कहते है कि जांजगीर मुख्यालय के पत्रकारों से उन्हें कोई लेना-देना नहीं किसी प्रकार की वार्तालाप नहीं करना चाहते,फोन करने से फोन रिसीव भी नहीं करते,कई बार दुर्व्यवहार करने की भी बात सामने आई है।
जनता पहुंचा सकती है अर्श से फर्श तक…
मुश्किल से साल भर सांसद कमलेश जांगड़े को सांसद बने हुआ है लेकिन उनके व्यवहार में इतना जल्दी परिवर्तन आ जाएगा यह किसी जनता को विश्वास नहीं था उनके लिए सिर्फ सक्ति जिला ही उनका लोकसभा क्षेत्र है, बाकी क्षेत्र के लोग उनके वोटर नहीं है,उनका यही सोच है। अब जनता उन्हें संसद बनाकर ठगा महसूस कर रहे है. लेकिन एक कहावत है,आने वाला समय बड़ा बलवान है. किसी को जानता फर्श से अर्श तक पहुंचा सकती है, अर्श से फर्श तक भी पहुंचा सकती है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में जरूर इसका हिसाब चुकता करेगी।