रायपुर। 2900 सहायक शिक्षकों की नौकरी छिनने के बाद शुरू हुए आंदोलन ने रविवार को नया मोड़ ले लिया। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब के पास प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों और उनके परिजनों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार और गंभीर आरोप लगाए।
31 दिसंबर 2024 को सहायक शिक्षकों को टर्मिनेट कर दिया गया था, जिसके बाद से वे अपनी नौकरी वापस पाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि जब तक उन्हें नौकरी पर वापस नहीं लिया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
रविवार को तेलीबांधा तालाब पर प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। शाम होते-होते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई।
महिला शिक्षकों के आरोप –
महिला शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनसे धक्का-मुक्की की।
“शराब पीकर पुलिसकर्मी हमें छू रहे थे। दुपट्टा खींचा गया और हमारे कपड़े तक फाड़ दिए गए,” एक शिक्षिका ने आरोप लगाया।
कई महिला शिक्षिकाएं झड़प के दौरान बेहोश हो गईं।
पुलिस का पक्ष
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सुबह से समझाने की कोशिश की जा रही थी। 10 घंटे से अधिक समय तक तालाब के पास प्रदर्शन जारी था। प्रशासन ने इसे संवैधानिक रूप से गलत ठहराते हुए उन्हें हटाने का आदेश दिया।
सहायक शिक्षकों की मांग
शिक्षकों ने कहा कि उनकी नौकरी बहाल होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
रायपुर और नया रायपुर के धरना स्थलों पर टीचर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
सहायक शिक्षकों का कहना है कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार से जल्द न्यायिक कार्रवाई की मांग की है।