जांजगीर-चांपा। भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति पर कार्यकर्ताओं से राय सुमारी कर फाइनल नाम तय कर लिया गया है. बूथ से लेकर मंडल अध्यक्षों का चयन होने के बाद अब जिला अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है. फिलहाल अभी जिला अध्यक्षों का फाइनल नाम पूरे प्रदेश में लगभग तय हो गया है. बस भारतीय जनता पार्टी को नाम का घोषणा करना बाकी है. रविवार को नाम का घोषणा होना था, लेकिन किसी वजह से यह टल गया. अब एक दो दिन में नए जिला अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी. नए साल यानी 1 जनवरी को पूरे प्रदेश में जिला अध्यक्ष की घोषणा होना तय है. जांजगीर चांपा जिले की बात करे तो जिला अध्यक्ष के लिए 5 से 6 नाम जिले से गए है जिसमें प्रमुख रूप से तीन पर प्रदेश कार्यालय में चर्चा हुई हैं. दिनेश सिंह,अंबेश जांगड़े,चंद्रकांत तिवारी,प्रशांत सिंह ठाकुर,अमर सुल्तानिया,विवेका गोपाल,एवं पुरुषोत्तम शर्मा इनके अलावा और कुछ लोगों ने दावेदारी प्रस्तुत की है। लेकिन प्रदेश में तीन नाम पर ही चर्चा हो पाई, जानकारी के अनुसार जिसमें मुख्य रूप से दिनेश सिंह,अंबेश जांगड़े,चंद्रकांत तिवारी,इन तीन नाम में किसी एक नाम पर मुहर लग सकता है।
1 जनवरी को हो सकता है जिले में भाजपा जिला अध्यक्ष की घोषणा हो जाए. इसका इंतजार भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को है। वही प्रदेश संगठन से विचार विमर्श कर चुनाव अधिकारी एवं चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक कर सभी राजनीति एवं जाति समीकरण पर चर्चा कर जिला अध्यक्ष का नाम लगभग फाइनल हो गया है. अब 1 तारीख को हो सकता है जिला अध्यक्ष की घोषणा हो जाए.फिर जांजगीर चांपा जिले में नए जिले बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी पंचायत एवम पालिका चुनाव में रणनीति तैयार करेगी। इसके बाद युवा मोर्चा, महिला मोर्चा सहित अन्य पदाधिकारियों की भी नियुक्ति होना।
सक्ति जिले में कार्यकर्ताओं का रोष…
जांजगीर चांपा जिले से अलग होकर सक्ति नया जिला बना है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष का नाम तय होना, यहां चुनाव अधिकारी एवं चुनाव पर्यवेक्षक को द्वारा जिला अध्यक्ष के लिए कार्यकर्ताओं से राय सुमारी न कर सीधा दावेदारों से नाम मंगवा लिया गया है. यह आरोप भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगा रहे हैं. अब कार्यकर्ताओं में इस बात का रोष है कि उनका आवेदन नहीं लिया गया. सक्ति जिले में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव अधिकारी एवं पर्यवेक्षक पर सीधे आरोप लगा रहे हैं. कार्यकर्ताओं से राज सुमारी नहीं की गई जैसे अन्य जिलों में की गई है. इसलिए कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है. वही सक्ति जिले में भारी गुटबाजी देखी जा रही, कार्यकर्ताओं का कहना है जिले नेतृत्व कर्ता नहीं होने के कारण पार्टी एवं संगठन कमजोर दिखाई दे रही है. जिला अध्यक्ष का बाद कोई नहीं सुनता है. जिसका असर अब पंचायत एवं निकाय चुनाव में हो सकता हैं। इससे पार्टी को भी नुकसान होगा।