बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बिलासपुर जिले के सरकंडा क्षेत्र में शनिवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। मोबाइल फोन की लत और परिजनों की सख्ती के बीच एक नाबालिग छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने समाज में मोबाइल के बढ़ते दुष्प्रभाव और माता-पिता की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
सरकंडा क्षेत्र के वसंत विहार में रहने वाली 14 वर्षीय एंजल जैसवानी, जो नौवीं कक्षा की छात्रा थी, अपने घर के कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी मिली। परिजनों ने जब यह देखा तो तुरंत उसे अपोलो अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर सरकंडा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी है।
मोबाइल की लत बनी आत्महत्या की वजह?
प्राथमिक जांच में पता चला कि एंजल मोबाइल फोन का अधिक उपयोग करती थी। परिजन अक्सर उसे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहते थे। माना जा रहा है कि घटना के दिन परिजनों ने एंजल का मोबाइल ले लिया, जिससे वह नाराज हो गई और यह कठोर कदम उठा लिया।
“सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस की जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।”
जिला अस्पताल की डॉ. गामिनी वर्मा ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा, “मोबाइल की लत बच्चों में एक आम समस्या बनती जा रही है। कई बार इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं। समय रहते अगर सही कदम नहीं उठाए गए, तो ये समस्या विकराल रूप ले सकती है।”