सरपंच-सचिव की मिलीभगत से विकास कार्य बना मजाक, सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप, ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..ग्राम पंचायत शिवनाथपुर में विकास कार्यों के नाम पर सरपंच और सचिव द्वारा लाखों रुपये के घोटाले का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों और पंचायत के पंचों का कहना है कि विकास योजनाओं के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है, जबकि गांव में किए गए कार्य आधे-अधूरे और जर्जर स्थिति में हैं। ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि असलियत सबके सामने आ सके।

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने केवल कागजों पर ही विकास कार्यों को अंजाम दिया है। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विकास के नाम पर सरकारी फंड का दुरुपयोग किया। पंच बैसाखू नागवंशी के अनुसार, चबूतरा निर्माण जैसे कई कामों के लिए बड़ी रकम ली गई, लेकिन गांव में इन निर्माण कार्यों का कहीं अता-पता नहीं है। कुछ स्थानों पर मामूली निर्माण कर कागजों में बड़े खर्च का विवरण दर्शाया गया है।

पंचायत क्षेत्र में बने नहानी घर और अन्य निर्माण कार्य भी ग्रामीणों की शिकायत के केंद्र में हैं। बैसाखू नागवंशी ने बताया कि इन अधूरे कार्यों की वजह से विकास का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सरपंच और सचिव पर गांव के बुनियादी ढांचे के विकास के नाम पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पांच वर्षों में सरकारी राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि इस घोटाले में संबंधित अधिकारियों ने भी अपनी भूमिका निभाई है। इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। उनके अनुसार, यदि निष्पक्ष जांच होती है तो सरपंच और सचिव के भ्रष्टाचार का पूरा सच सामने आ सकता है।

गांव में इस कथित घोटाले को लेकर अब ग्रामीणों में आक्रोश है। पंच बैसाखू नागवंशी और अन्य ग्रामीणों ने पंचायत में हुए कार्यों की निष्पक्ष जांच की मांग की है, जिससे सरपंच और सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके।