भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी शनिवार को पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जारी कर दी थी. जिसके बाद से कांग्रेस के अंदरखाने में भूचाल सा आ गया है. कही कोई बड़ा नेता इस्तीफ़ा दे रहा है. तो कहीं बग़ावत की आवाज़ अंदरखाने से निकलकर बाहर तक गूंज रही है. इसी बीच मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने भी इस कार्यकारिणी के विरोध मे बिगुल फूंक दिया है. जिसकी आशावाद दिल्ली तक जाना तय माना जा रहा है. अजय सिंह राहुल कार्यकारिणी के साथ प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ भी भड़क गए है. क्योंकि उनके समर्थकों को कार्यकारी में नज़रअंदाज़ किया गया है.
अजय सिंह राहुल ने मीडिया से कहा- जिन्होंने कांग्रेस की दुर्दशा की है. उनके कहने पर कार्यकारिणी बनेगी, तो भगवान मालिक है. विपक्ष मे 20 साल हो गए और अभी भी उन्ही लोगों के कहने पर निर्णय हो रहे हैं, दुर्भाग्य है. जिस तरह से स्वरूप बना है उचित नहीं है. जिन नेताओं की वजह से मध्यप्रदेश की ये हालत है आज भी उनकी चल रही है तो क्या कहूँ. 10 महीने बाद भी ख्याल नही रखा गया तो दुर्भाग्य है. हमारे अंचल के साथ कांग्रेस की सोच सही नहीं है. रीवा, सीधी, सिंगरौली से कहीं कोई नहीं है, उदाहरण के लिए एक दो नाम शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि सोच समझकर सब होना चाहिए. जिस स्तर पर, जहां बात रखनी होगी, वहां रखूंगा.
विरोध और आरोप
मध्यप्रदेश की नई कार्यकारिणी के बाद आरोप और विरोध के बीच नेताओं में ज़ुबानी जंग भी जारी है. लिस्ट जारी हुए 36 घंटे से अधिक बीच गए और इन 36 घंटो मे 36 से अधिक लोग विरोध के बिगुल को बड़ा चुके है. इसी बीच एक नेता ने कहा कि कार्यकारिणी मे पूर्व एमपीसीसी अध्यक्ष अरूण यादव के भाई सचिन यादव का नाम है, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत का नाम है.
लक्ष्मण का तंज
राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह के बेटे का नाम भी शामिल है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल का नाम कार्यकारिणी से ग़ायब है. इधर पूर्व सांसद और विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट कर इस नई व्यवस्था पर तंज कसा है. उन्होंने लिखा है कि 117 पीसीसी के गठन पर बधाई. अगर ये सभी केवल अपनी विधानसभा जितना दे. तो सरकार बन जाएगी. पर क्या ऐसा होगा? अभी तक अद्भुत प्रयोग सफल नहीं हुआ है!