अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के हर्राढोढ़ी गांव में तीन महीने की एक बच्ची की मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। यह दुखद घटना टीकाकरण के बाद हुई, जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
यह मामला कमलेश्वरपुर विकासखंड के ग्राम परपटिया मोहल्ला हर्राढोढ़ी का है, जहां माझी समुदाय के लोग अधिकतर निवास करते हैं। यहां हर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों में टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी कार्यक्रम के तहत, बच्ची को तीन टीके लगाए गए और कुछ दवाइयां भी पिलाई गईं।
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टीकाकरण के बाद, परिजन बच्ची को घर लेकर आए। रातभर बच्ची लगातार रोती रही और अगली सुबह उसकी मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में गहरा आक्रोश फैल गया, और उन्होंने टीका लगाने वाले डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने बच्ची की मौत की जांच के लिए पोस्टमार्टम का आदेश दिया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि बच्ची की मौत उसके श्वसन तंत्र (सांस की नली) में दूध चले जाने के कारण हुई है, न कि टीके के प्रतिकूल प्रभाव से।
हालांकि, सावधानी के तौर पर जिस टीके का उपयोग बच्ची पर किया गया था, उस बैच नंबर के सभी टीकों को जिले के स्वास्थ्य केंद्रों से हटा लिया गया है। इन टीकों को लैब में जांच के लिए भेजा गया है, और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सुनिश्चित किया है कि जांच पूरी होने तक उस टीके का उपयोग न किया जाए। इसके साथ ही, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी किसी भी परिस्थिति से बचने के लिए अधिक सतर्कता बरती जाए।
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