प्याज निर्यात पर लगी मूल्य सीमा हटी, किसानों की कमाई में बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेगा भारतीय प्याज का दबदबा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्याज के निर्यात पर लागू न्यूनतम मूल्य सीमा (MEP) को तुरंत प्रभाव से हटा दिया है। इस फैसले से भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना प्याज बेचने का मौका मिलेगा और उनकी कमाई में बढ़ोतरी हो सकती है।

550 डॉलर प्रति टन की लिमिट थी लागू

पहले सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए 550 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम मूल्य सीमा तय की थी, जिसका मतलब था कि किसान इससे कम दाम पर प्याज का निर्यात नहीं कर सकते थे। लेकिन अब सरकार के इस नए निर्णय के बाद किसान बिना किसी मूल्य सीमा के, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपज बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।

किसानों के लिए फायदे का सौदा

इस निर्णय से किसानों को बड़ा फायदा होगा, खासकर उन राज्यों के किसानों को जहां प्याज का उत्पादन ज्यादा होता है, जैसे महाराष्ट्र। अब किसान अपनी फसल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिना किसी मूल्य पाबंदी के बेच सकेंगे। इससे उन्हें अपनी उपज का सही दाम मिलेगा और वे अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकेंगे।

चुनाव से पहले उठाया गया कदम

सरकार ने यह कदम महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उठाया है, जो देश में प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इस फैसले से ना केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि किसानों के समर्थन को भी मजबूत करेगा।

आम जनता के लिए प्याज की ऊंची कीमतें

हालांकि, देश के भीतर प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता परेशान है। कई शहरों में प्याज के दाम 50 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार 35 रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज बेचने का भी प्रयास कर रही है।