सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को मिली बड़ी राहत, शराब घोटाले में सीबीआई केस में भी मिली जमानत, लेकिन इन शर्तों के साथ शुरू होगी नई चुनौती

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सीबीआई के केस में उन्हें जमानत मिल गई है, जबकि ईडी के मामले में पहले ही उन्हें जमानत मिल चुकी थी। अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।

हालांकि, जमानत के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सख्त शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट के निर्देशानुसार, केजरीवाल न तो किसी सरकारी फाइल पर दस्तखत कर पाएंगे और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय जा सकेंगे। इसके अलावा, वे इस मामले से संबंधित किसी भी प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणी करने से भी रोक दिए गए हैं।

जमानत की शर्तें

1. मुख्यमंत्री कार्यालय पर रोक: केजरीवाल अपने दफ्तर नहीं जा पाएंगे।

2. फाइलों पर दस्तखत से प्रतिबंध: किसी भी सरकारी फाइल पर साइन करने की मनाही होगी।

3. कोई सार्वजनिक बयान नहीं: शराब घोटाले से जुड़े किसी भी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

4. जांच में सहयोग अनिवार्य: ट्रायल कोर्ट में हाज़िरी और जांच में पूरा सहयोग करना होगा।

5. गवाहों को प्रभावित करने पर रोक: जांच प्रक्रिया में कोई बाधा डालने की अनुमति नहीं होगी।

शराब घोटाला

यह मामला तब शुरू हुआ जब 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति लागू की थी। सरकार ने दावा किया कि इससे माफिया राज खत्म होगा और रेवेन्यू में वृद्धि होगी, लेकिन यह नीति विवादों में आ गई। जुलाई 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया गया, लेकिन इससे पहले दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट ने कथित घोटाले का खुलासा किया, जिसमें मनीष सिसोदिया समेत कई अन्य बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे।

अब इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच कर रही हैं, और कोर्ट के फैसले ने केजरीवाल को फिलहाल जेल से बाहर निकलने का मौका दिया है, लेकिन उन पर कड़ी नजर बनी रहेगी।

गिरफ्तारी

अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, और 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि, 2 जून को उन्होंने सरेंडर कर दिया था। अब सीबीआई के मामले में भी उन्हें राहत मिल चुकी है, और वे जेल से बाहर आ सकते हैं।