Arvind Kejriwal, CM Kejriwal, Delhi Government, Demand for Dismissal of Kejriwal Government : दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की सरकार इन दिनों गंभीर संकटों का सामना कर रही है। दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में जेल में बंद केजरीवाल की अनुपस्थिति के कारण कई महत्वपूर्ण निर्णय और प्रशासनिक फैसले प्रभावित हो रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे संवैधानिक संकट करार देते हुए केजरीवाल सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है। भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता ने इस सिलसिले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। राष्ट्रपति सचिवालय ने इस ज्ञापन को गृह मंत्रालय को उचित ध्यान देने के लिए भेज दिया है।
राष्ट्रपति सचिवालय की चिट्ठी और गृह मंत्रालय की कार्रवाई
राष्ट्रपति सचिवालय के डाइरेक्टर शिवेंद्र चतुर्वेदी ने विजेंदर गुप्ता को भेजे गए पत्र में कहा कि राष्ट्रपति को 30 अगस्त 2024 को भेजे गए पत्र की प्राप्ति की पुष्टि की जाती है। इस पत्र पर दिल्ली विधानसभा के 7 विधायकों और एक पूर्व विधायक के हस्ताक्षर हैं। इसे गृह सचिव, गृह मंत्रालय को उचित ध्यान देने के लिए भेजा गया है। इस पत्र को विजेंदर गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर भी शेयर किया है।
ज्ञापन में उठाए गए मुद्दे
30 अगस्त 2024 को राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली की वर्तमान सरकार के फैसले प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि कई महत्वपूर्ण आदेशों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर की आवश्यकता है, जो लंबित हैं। इसके परिणामस्वरूप आवश्यक प्रशासनिक निर्णयों में देरी हो रही है, जिससे दिल्ली के नागरिकों की समस्याएं बढ़ रही हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति ठप हो गई है, और दिल्ली को मिले फंड का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता चरम पर है, और अरविंद केजरीवाल की जिद के कारण दिल्ली के लोग परेशान हैं। भाजपा ने इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए केजरीवाल सरकार की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की है।
राष्ट्रपति शासन की सुगबुगाहट
वर्तमान परिस्थितियों में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा विधायकों द्वारा राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन पर अब गृह मंत्रालय की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। अगर गृह मंत्रालय इस मामले पर कोई निर्णायक कदम उठाता है, तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की संभावना को बल मिल सकता है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो सकती है।
भाजपा की स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
भाजपा के विधायक विजेंदर गुप्ता ने अपने बयान में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा केवल एक सरकार की विफलता का नहीं बल्कि दिल्ली के नागरिकों के अधिकारों और जीवन की गुणवत्ता का भी है।
इस तरह की राजनीतिक उथल-पुथल और संवैधानिक संकट के बीच, दिल्ली की जनता को आगामी दिनों में बड़े बदलावों का सामना करना पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं और दिल्ली की राजनीतिक स्थिति में क्या बदलाव आता है।