फटाफट डेस्क..आखिर भाजपा के हो गये साय..नंदकुमार साय प्रदेश की राजनीति में किसी पहचान के मोहताज नहीं है..78 वर्षीय नंदकुमार साय की पहचान कद्दावर आदिवासी नेता के रूप में है..और नंदकुमार साय एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में बने हुए है..नंदकुमार साय ने कल भाजपा की सदस्यता ले ली है..इससे पहले वे कांग्रेस में रहे,जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी..लेकिन उन्हें कांग्रेस रास नहीं आयी..और उन्होंने घर वापसी कर ली है..हालांकि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह कयाश लगाए जा रहे थे..की नंदकुमार घर वापसी करने का मन बना रहे है!.
नंदकुमार साय की राजनीतिक सफर साल 1977 में शुरू हुई.. उस दौर में जशपुर जिले में तपकरा विधानसभा सीट हुआ करती थी..नंदकुमार साय 1977 से 1980 और 1985 से 1989 तक तपकरा विधायक रहे!..
साल 1989 से 1991 और 1996 से 1998 तक रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रहे..यह वही रायगढ़ लोकसभा सीट थी .. जहां से 1998 में नंदकुमार साय और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी चुनाव मैदान में आमने – सामने रहे..और नंदकुमार साय से अजीत जोगी चुनाव हार गए!..
जशपुर जिले के छोटे से गांव भगोरा में जन्मे नंदकुमार साय ने रायगढ़ लोकसभा ही नही बल्कि सरगुजा लोकसभा का भी प्रतिनिधित्व किया ..साल 2004 में नंदकुमार साय सरगुजा से सांसद चुने गए गये..2009 से 2016 तक वे राज्यसभा सदस्य भी रहे..लेकिन 2023 में वे भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस के हाथ के साथ चले गये..उसे दौर में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी..और नंदकुमार साय तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंच साझा करते भी नजर आये..
प्रदेश में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में सरकार बदल गई..भाजपा की सरकार आयी..विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने..और फिर नंदकुमार साय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ नजर आये..और फिर एकबार नंदकुमार की घर वापसी की खबरों को बल मिल गया..लेकिन भाजपा का प्रदेश नेतृत्व इस बात पर चुप्पी साधे रहा ..और 3 सितम्बर 2024 को नंदकुमार साय भाजपा के हो गए!..
अब सवाल यह उठता है..की जिस नंदकुमार साय ने 2023 में पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए..भाजपा छोड़ दी थी..वही नंदकुमार साय आज फिर भाजपा क्यों और कैसे आ गए?..नंदकुमार साय के इस्तीफे को लेकर उस समय कई तरह के प्रश्नों ने जन्म लिया..जिसके जवाब तो नही मिले बल्कि नंदकुमार भाजपा के ही हो गए!.भाजपा के प्रवक्ता लगातार कहते रहे..की पार्टी में उनकी उपेक्षा का सवाल ही नहीं था..पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया..उनकी गिनती भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में होती थी..बता दे की भाजपा इन दिनों सदस्यता अभियान चला रही है..देश के प्रधानमंत्री समेत प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने भाजपा की सदस्यता ली है..इसी बीच नंदकुमार साय ने भी भाजपा की सदस्यता लेकर ..सबको चौका दिया..हालंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नंदकुमार साय घनिष्ठता किसी से छिपी नहीं है..और प्रदेश में सरकार बनने के बाद किसी ने नंदकुमार साय को लेकर उंगली भी नही की!.