Kalyug Prediction : कलयुग के बाद दुनिया में होगी यह घटनाएं, समुन्दर चीर कर ऊपर आएंगे प्राचीन शहर, जलवायु परिवर्तन, अमर योद्धाओं की वापसी, जानें भविष्यवाणियां

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Kalyug Prediction, kaliyug, Kalyug ka Ant, Kalyug Rahashya, Kalyug Alert, Vishnu Puran : कलियुग का आगमन महाभारत और पुराणों में उल्लिखित एक महत्वपूर्ण काल है, जो आज भी मानवता को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कराता है। वर्तमान समय में अपराधों की बढ़ती हुई दर और समाज में निरंतर हो रहे सामाजिक परिवर्तनों को देखते हुए लगता है कि कलियुग अपने चरम सीमा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस संदर्भ में भविष्य मालिका की भविष्यवाणियाँ हमें कलियुग के तीन चरणों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।

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पहला चरण: कलियुग का अंत और जलवायु परिवर्तन

भविष्य मालिका के अनुसार, कलियुग का अंत होने पर धरती का तापमान तेजी से बढ़ेगा। इस समय मौसम में अत्यधिक बदलाव देखने को मिलेगा। गर्मी का मौसम अत्यधिक गरम हो जाएगा, जिससे लोगों को अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ेगा। सर्दी का मौसम भी इतनी ठंडी होगी कि लोग ठिठुर उठेंगे। बरसात के दिनों में चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देगा और मौसम की बेरुखी के कारण हर जगह घुटन और उमस का अनुभव होगा।

दूसरा चरण: गृहयुद्ध और धर्म के बीच संघर्ष

कलियुग के अंत के बाद महाविनाश का दूसरा चरण शुरू होगा। इस दौरान कई देशों में गृहयुद्ध छिड़ जाएंगे। इन युद्धों में देशों के बीच धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष देखने को मिलेगा। एक ओर जहां एक देश धर्म के प्रति प्रतिबद्ध होगा, वहीं दूसरे देश अधर्म का समर्थन करेंगे। इन युद्धों की वजह से देशों में अशांति फैलेगी और उन्हें अपनी विदेश नीतियों पर ध्यान देने का समय नहीं मिलेगा।

तीसरा चरण: कल्कि अवतार और नए युग की शुरुआत

भविष्य मालिका की भविष्यवाणी के अनुसार, भगवान कल्कि केवल कलियुग का अंत करने नहीं आएंगे, बल्कि वे दूसरे और तीसरे चरण के लिए भी धरती पर ठहरेंगे। कल्कि अवतार के बाद, भगवान कल्कि महाविनाश के बाद एक नए युग की शुरुआत करेंगे। इस नए युग के माध्यम से धरती पर धर्म की स्थापना होगी और नए देवस्थानों की पुनर्स्थापना की जाएगी।

प्राकृतिक आपदाएँ और प्राचीन शहरों की पुनरावृत्ति

भविष्य मालिका के अनुसार, धरती पर कई बार प्राकृतिक आपदाएँ आ चुकी हैं, और कई प्राचीन शहर जलमग्न हो चुके हैं। जैसे कि भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका समुद्र में समा चुकी है। कलियुग के अंत के बाद, कई प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सुनामी, और भूकंप आएंगे। इन आपदाओं के परिणामस्वरूप सदियों पहले डूब चुके प्राचीन शहर फिर से प्रकट हो सकते हैं। भविष्यवक्ताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण की दिव्य द्वारका नगरी जैसी कई प्राचीन नगरियाँ पुनः दिखाई दे सकती हैं।

महाभारत काल के अमर योद्धाओं की वापसी

भविष्य मालिका के अनुसार, कलियुग के अंत के बाद महाभारत काल के अमर योद्धा जो युद्ध का हिस्सा नहीं बन पाए थे, उनकी वापसी होगी। भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी और अन्य योद्धा भगवान कल्कि की सहायता के लिए धरती पर लौटेंगे। वे धर्म युद्ध में भाग लेंगे और एक नए युग की स्थापना करेंगे।

धार्मिक स्थलों की विलुप्ति

कलियुग के अंत के बाद कई प्राचीन धार्मिक स्थल विलुप्त हो सकते हैं। प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अमरनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री जैसे पवित्र स्थल अदृश्य हो सकते हैं। लेकिन भविष्यवाणी के अनुसार, इन स्थलों का पुनः प्रकट होना और एक नए रूप में प्रकट होना भी संभव है।

इन भविष्यवाणियों से यह स्पष्ट होता है कि कलियुग की समाप्ति के बाद महाविनाश और एक नए युग की शुरुआत की प्रक्रिया एक दीर्घकालिक प्रक्रिया होगी, जिसमें कई परिवर्तन और घटनाएँ देखने को मिलेंगी। इन भविष्यवाणियों के आधार पर मानवता को तैयार रहना होगा और धर्म, सत्य, और सदाचार की दिशा में प्रयासरत रहना होगा।