Maharashtra Shivaji Idol, Shivaji Statue, NCP, Supriya Sule, Shivaji Idol Fall : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले पर लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हाल ही में गिर गई, जिससे पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। इस प्रतिमा के गिरने की घटना को लेकर भारतीय नौसेना ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस पर दुख जताया है। वहीं, पुलिस ने मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे के तुरंत बाद बताया कि इस प्रतिमा का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना ने किया था। यह प्रतिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 04 दिसंबर 2023 को नेवी डे के मौके पर सिंधुदुर्ग के नागरिकों को समर्पित की थी। प्रतिमा की ऊँचाई 35 फीट थी और इसे नौ महीने पहले स्थापित किया गया था।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, प्रतिमा के गिरने का कारण नट और बोल्ट में जंग लगना पाया गया है। नौसेना ने एक टीम गठित की है, जो कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस घटना की जांच करेगी। टीम प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और उसे जल्द से जल्द बहाल करने के लिए कदम उठाएगी।
तीखी प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों के बीच भी तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक ने ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जबकि एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने घटना को दुखद बताते हुए ठेकेदार जयदीप आप्टे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करार दिया। इसके साथ ही, कांग्रेस ने नांदेड़ जिले को छोड़कर सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
प्रतिमा की स्थापना में 2 करोड़ 40 लाख 71 हजार रुपये की धनराशि खर्च
राजकोट किला, जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने खुद निर्माण कराया था, हिंदवी स्वराज्य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। शिवाजी महाराज को नौसेना के जनक के रूप में भी सम्मानित किया जाता है। यही कारण है कि नौसेना ने इस किले में प्रतिमा स्थापित की थी। इस प्रतिमा की स्थापना में 2 करोड़ 40 लाख 71 हजार रुपये की धनराशि खर्च हुई थी।
एक जांच टीम बनाई
नौसेना ने इस घटना के बाद तुरंत कदम उठाते हुए एक जांच टीम बनाई है, जो जल्द ही इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश करेगी। वहीं, राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और ठेकेदार तथा डिजाइन कंसल्टेंट के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस हादसे के बाद, स्थानीय लोग और राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर आक्रोशित हैं और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।