Chhattisgarh: निर्माण कार्य की आड़ में सरकारी रुपयों का बंदरबाट, पंचों ने खोला मोर्चा, कलेक्टर तक पहुंची कंप्लेंट

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..निर्माण कार्य की आड़ में सरकारी पैसों का किस कदर बंदरबांट किया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत खड़गांव है। जहाँ निर्माण कार्य की आड़ में सरपंच सचिव मनमानी कर शासन की योजनाओं पर पानी फेर रहे है। सरपंच सचिव द्वारा कराए गए घटिया निर्माण कार्य के विरोध में पंच एवं ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंप जाँच की मांग की है।
     
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खड़गांव निर्माण कार्य की आड़ में शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के मामले में इन दिनों सुर्खियों में है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत के पंच एवं ग्रामीणों ने सरपंच सचिव के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। गांव के पंचों ने बताया कि विकास कार्य के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से तीस लाख से ज्यादा राशि आहरित कर लिया गया। लेकिन इस राशि से गांव में कराए गए विकास कार्य कही नजर नही आता है।

अधिकारियों से सांठगांठ कर सरपंच सचिव ने कागजों में गांव का विकास कर दिया।विगत दिनों कागजी विकास का ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जिसमे बिना निर्माण कराए ही सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान कर दिया था। इसका खुलासा होने के बाद पंच एव ग्रामीणों की नाराजगी खुलकर सामने आई थी। नाराज पंच एवं ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर सीसी रोड निर्माण के आड़ में राशि गबन का आरोप लगाते हुए जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई थी।

जिसके बाद सरपंच सचिव द्वारा आनन फानन में सीसी रोड का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। इसके अलावा सरपंच सचिव द्वारा कागजों में बोर खनन का एक मामला संज्ञान में आया है। शासन द्वारा बोर खनन के लिए दी गई राशि बिना बोर खनन कराए ही गबन कर लिया गया है। ग्रामीणों द्वारा लगाए गए इस आरोप में कितनी सच्चाई है ये तो जाँच के बाद सामने आएगा। फिलहाल प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को लेकर ग्राम पंचायत का माहौल गरमाया हुआ है। इस योजना में बरती गई अनियमितता को लेकर पंच मुखर हो गए है।

गौरतलब है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं के लिए आदर्श ग्राम योजना के तहत केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायतों को 20 लाख रुपये आवंटित किए थे। जिसके तहत ग्राम पंचायत खड़गांव को भी गांव में विकास कार्य के लिए 20 लाख आवंटित हुए थे। केंद्र सरकार आवंटित इस राशि से सर्वसम्मति के साथ गांव में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करना था। लेकिन सरपंच सचिव ने मिलकर इस योजना का भी बेडागर्क कर दिया।

सरपंच प्रेमप्रकाश लकड़ा ने पंचों की सहमति के बिना गांव में चबूतरा का निर्माण करा दिया। यहाँ भी घोटालेबाज सरपंच शासन की आँखों में धूल झोंकने से बाज नही आया। सरपंच ने लाखो रुपये की लागत से जिस चबूतरे का निर्माण कराया है। उसको लेकर पंचों ने सवाल खड़े करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।पंचों का कहना है कि ग्राम पंचायत में तीन जगहों पर चबूतरे का निर्माण किया गया है। जिसमे एक चबूतरा पूर्व सरपंच के घर के पास बनाया गया है।

इस चबूतरा निर्माण में गौर करने वाली बात ये है कि जहाँ पर एक चबूतरा बना हुआ है। वहाँ पर मौजूद सूचना पटल पर दो नग चबूतरा निर्माण दर्शा दिया गया है। जो सरपंच द्वारा किये गए फर्जीवाड़े का एक प्रत्यक्ष प्रमाण है। सरपंच ने अपने निजी स्वार्थ के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना की बलि चढ़ा दी। इस मामले में संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

सरपंच द्वारा किये गए फर्जीवाड़े के विरोध में पंच एवं ग्रामीणों ने अब मोर्चा खोल दिया है। निर्माण कार्य की आड़ में शासकीय राशि का बंदरबांट करने वाले सरपंच सचिव के विरुद्ध घुरसाय ज्योति महंत जगरनाथ दास शोभनाथ यादव पुष्पा टोप्पो एवं अन्य पंचों समेत ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमे उन्होंने सरपंच द्वारा किये गए अनियमितता के बारे में उल्लेख करते हुए जाँच की मांग की है।

इस संबंध में सीईओ जनपद पंचायत मैनपाट मनोज खांडेकर ने बताया कि कलेक्टर के यहाँ से जनदर्शन वाला मामला अभी मेरे पास नही आया है। जैसे ही यह मामला मेरे पास आता है। मैं इसकी बारीकी से जांच कराऊंगा।