UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story : यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा, भारतीय राज्यों में सरकारी सेवाओं में चयन का एक मुश्किल पथ है लेकिन, राजस्थान की विदुषी ने इस परीक्षा में पहली बार में ही अपनी ताकत और पूरी मेहनत से साबित कर दिया है कि यदि उम्मीद और मेहनत सही हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सर्वाधिक 13वां स्थान प्राप्त किया
विदुषी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीए (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने कोचिंग कक्षों का सहारा नहीं लिया, बल्कि अपने अध्ययन को स्वतंत्र रूप से शुरू किया। उन्होंने NCERT और बेसिक किताबें पढ़ीं और तैयारी में जुट गईं। इसके बाद, 21 साल की उम्र में वे यूपीएससी की परीक्षा में भारतीय स्थान 13 प्राप्त कर लिया। विद्यार्थिनी ने अपने विकल्पिक प्रशासनिक सेवा (IAS) की बजाय भारतीय विदेश सेवा (IFS) का चयन किया।
मेहनत और फोकस का महत्व
विदुषी सिंह का मानना है कि सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत और फोकस बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपनी तैयारी के लिए कई टेस्ट सीरीज और मॉक एग्जाम दिए, जिससे उनकी स्थिति को महसूस किया गया। उनका अनुभव दिखाता है कि किसी भी परीक्षा की तैयारी को स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और कोचिंग कक्षों के बिना भी यदि दृष्टि और ध्यान सही रहे तो उसे पार किया जा सकता है।
अभिवादन और संकेत
विदुषी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके दादा-दादी का सपना था कि वे सरकारी अधिकारी के रूप में काम करें, और इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने अपने संकल्प को मजबूत किया और इस राह पर मेहनत करते हुए अपनी मानवीयता और शासकीय क्षमताओं को साबित किया।
इनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि यदि उम्मीद और मेहनत में सही रणनीति और फोकस हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपने अध्ययन के लिए विभिन्न संसाधनों का सहारा लिया और संघर्ष के बावजूद सफलता हासिल की। उनकी इस प्रेरणादायक कहानी ने उन छात्रों को भी प्रेरित किया होगा जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और उत्साह से आगे बढ़ रहे हैं।