Success Story, Motivational Story : उम्मेदराम बेनीवाल नाम सुनते ही एक ऐसी कहानी जुड़ी हुई है जो साहस, मेहनत, और दृढ़ संकल्प के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है। वे दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल थे, जो संसद मार्ग थाने में कार्यरत थे। उन्होंने सांसदों को दिनचर्या में देखते हुए सपना देखा था कि किसी दिन वे भी वहीं से संसद में जाएंगे।
बेनीवाल की यह उम्र संसद मार्ग पुलिस थाने में इतनी ही रही, फिर एक दिन उनका फैसला बदला। वे नौकरी छोड़कर अपने गाँव बाड़मेर में वापस आ गए। उन्होंने यहां हैंडीक्राफ्ट का व्यापार शुरू किया, जिसने उन्हें अच्छा नाम और धन कमाने में सफलता दी।
Success Story : 19 साल के इंतजार के बाद सफलता
बेनीवाल का राजनीतिक जीवन उन्हें वापस ले आया, और उन्होंने 19 साल के इंतजार के बाद सफलतापूर्वक राजस्थान के जैसलमेर-बाड़मेर सीट से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव जीता। इन चुनावों में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी को एक लाख वोटों के अंतर से हराया। भाजपा के प्रत्याशी कैलाश चौधरी तीसरे स्थान पर रहे।
Success Story : बेनीवाल की शिक्षा का संक्षेप
बालोतरा, राजस्थान के रहने वाले उम्मेदराम बेनीवाल ने 1993 में 10वीं पास की और 1995 में 12वीं पास की। इसके बाद उन्होंने बीए किया और 2000 में एमएसडीयू अजमेर से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। उनके बाद सरकारी नौकरी की तैयारी के दौरान उनका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए हुआ।
Success Story : बाड़मेर में हाथों का काम और राजनीति में उतरना
बेनीवाल ने बाड़मेर में हाथों का काम शुरू किया और उसके बाद उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प के साथ राजनीति में कदम रखा। वे पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से जुड़े थे, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। उनकी राजनीतिक यात्रा में कई मुश्किलें और चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
आज उम्मेदराम बेनीवाल एक सशक्त नेता के रूप में स्वीकृत हो रहे हैं, जिनकी कहानी साहस और प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सफलता दृढ़ संकल्प और निरंतर मेहनत का परिणाम है, जो उन्होंने हर मुश्किल को अपने लिए एक नई संभावना में बदल दिया।