Asteroids Near Earth : धरती के पास से गुजरेगा विशालकाय एस्टेरॉयड, इतनी होगी स्पीड, NASA की चेतावनी, पृथ्वी के लिए खतरे की घंटी?

Asteroids Near Earth, Earth News, Science News : 2024 एलजे की गति ध्वनि की गति से 80 गुना अधिक है, जो लगभग 767 मील प्रति घंटे की होती है।

Science News, Asteroids Near Earth, Asteroids Alert

Asteroids Near Earth, Earth News, Science News : धरती के पास से एक बड़ा एस्टेरॉयड गुजरने जा रहा है, जिसे नासा ने ‘2024 एलजे’ के नाम से चिह्नित किया है। इस एस्टेरॉयड का आकार करीब 210 फीट है, जो एक बड़ी नौका के साइज के बराबर है।

Random Image

यह 22 जून, शनिवार को धरती से 2.1 मिलियन मील की दूरी पर होगा। इस दौरान वैज्ञानिक इसे निगरानी करेंगे, क्योंकि इसका गति 66,584 मील प्रति घंटे है, जो बहुत तेज है।

Asteroids Near Earth : नासा की चेतावनी

नासा ने इस अप्रत्याशित खगोलीय घटना के मुद्दे पर चेतावनी जारी की है। इसे धरती के निकटतम गुजरने वाले एस्टेरॉयड के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसे प्रशांत गूल के अनुसार नासा के ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय (पीडीसीओ) के द्वारा विशेष रूप से ट्रैक किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि इसे पृथ्वी से कोई आक्रांति न हो।

Asteroids Near Earth : वैज्ञानिकों की नजर में

वैज्ञानिकों के लिए 2024 एलजे जैसे नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (एनईओ) का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। ये एस्टेरॉयड्स और धूमकेतु धरती के पास से गुजरने वाले खगोलीय पिंड हैं, जिनकी कक्षाएं उन्हें पृथ्वी के करीब लाती हैं। इनके पास से गुजरने वाले नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा व्यापक प्रयास किए जाते हैं, ताकि उनका पृथ्वी के साथ कोई टकराव न हो।

Asteroids Near Earth : एस्टेरॉयड की गति

2024 एलजे की गति ध्वनि की गति से 80 गुना अधिक है, जो लगभग 767 मील प्रति घंटे की होती है। इस तेज गति के कारण, यह केवल एक घंटे से भी कम समय में पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा। इसके बावजूद, नासा ने सुनिश्चित किया है कि इससे किसी भी प्रभाव का खतरा नहीं है और यह धरती के लिए सुरक्षित दूरी से समुद्र गुजरेगा।

अंतरिक्ष में इस नए खगोलीय घटना के माध्यम से, वैज्ञानिकों को और अधिक जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें सूर्य सिस्टम की समझ में मदद मिलेगी। इसी प्रकार के अद्वितीय गतिविधियों को ट्रैक करने के माध्यम से अंतरिक्ष एजेंसियाँ अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करती हैं, जो भविष्य में किसी भी अवांछनीय घटना से निपटने के लिए उन्हें तैयार रखती हैं।