Arvind Kejriwal, Arvind Kejriwal ED, Arvind Kejriwal Judicial Custody : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की मुद्दत 3 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। इसका कारण है एक ऐतिहासिक मामले में उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप। इस मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने दावा किया है कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
Arvind Kejriwal Judicial Custody: 100 करोड़ रुपये की रिश्वत?
राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान, ईडी ने अपने आरोपों को पुष्टि करते हुए कहा कि वे उस समय रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे जब उन्हें पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया के साथ जोड़कर भ्रष्टाचार मामलों में गिरफ्तार किया गया था। ईडी का दावा है कि वे उन राशि को गोवा भेजकर आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा राज्य के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया था।
Arvind Kejriwal Judicial Custody: ईडी ने गिरफ्तारी से पहले सभी सबूत इकट्ठे कर लिए
मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत के सामने प्रस्तुत होकर दावा किया कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर आधारित है और इसमें स्पष्ट सबूत हैं। उन्होंने बताया कि ईडी ने पहले ही गिरफ्तारी से पहले सभी सबूत इकट्ठे कर लिए थे।
दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल के वकील ने इस मामले में उनके पक्ष की दिशा में उनकी संदिग्धता पर बात की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक चरण में तो कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बताया गया है। उन्होंने विशेष रूप से यह बताया कि इस मामले का आधार सिर्फ वोही गवाही है जिन्होंने पहले ही गिरफ्तार किए गए थे और जिनका जमानत का वादा किया गया था।
वकील ने इसके अलावा बताया कि इस मामले में केजरीवाल का नाम तो नहीं है और उन्हें इस संदिग्धता में फंसाया जा रहा है जो सीबीआई के विवादित मामले में है, न कि ईडी के आरोप में। उन्होंने इस बात को बढ़ावा देते हुए कहा कि अभी तक वे संत नहीं हैं और उन्हें विश्वसनीयता पर सवाल उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। अब उनकी न्यायिक हिरासत की मुद्दत 3 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद केजरीवाल ने 2 जून को अंत में तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया।