दंतैल हाथी ने बुजुर्ग दंपत्ति को किया घायल : पति की मौत पत्नी का इलाज जारी

  • दस दिन मे हाथी के हमले से क्षेत्र के दूसरे इंसान ने गवाई जान 
  • दिन भर जंगल मे रहने के बाद रात को आक्रमक हो जाते है हाथी 
  • 13 हाथियो का दल क्षेत्र में मचा रहा आतंक 

अम्बिकापुर

सरगुजा जिला के बटवाही गांव के अहिरापारा बस्ती मे 13 हाथियो के दल ने एक बुजुर्ग को मौत के घाट उतार दिया ,, वही मृतक की पत्नी घायल हो गई है। जिसे इलाज के लिए अम्बिकापुर जिला चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया है, घटना बीती रात की है जिसके बाद आज मृतक का जिला अस्पताल मे पोस्टमार्डम कर शव परिनजो का सौंप दिया गया है,,

सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से लगे खैरबार, लालमाटी औऱ बटवाही जैसे गांवो के जंगल मे 13 हाथियो का दल डेरा जमाए हुए है ।  दिन के समय हाथियो का दल जंहा जंगल के अंदर रहता है , वही रात होते ही ये हाथी जंगल से बाहर बस्ती में जमकर उत्पात मचा रहे है । हाथियो के इस उत्पात के दौरान बीती रात दल के एक दंतैल हाथी ने बटवाही अहिरापारा के एक आदिवासी परिवार के घर धावा बोल दिया । इस दौरान परिवार के मुखिया और उसकी दोनो पत्नी खाना खा रहे थे ।  हाथियो की आहट सुनकर 58 वर्षीय कृष्णा की पहली पत्नी सकुंत बाई बाहर आई ,, और हाथी के घर मे घुसने की जानकारी घर के भीतर दी,, लेकिन तब तक आक्रमक हो चुका दंतैल हाथी घर मे घुस गया और वृद्द कृष्णा को अपने सूंड मे फंसा घर से बाहर ले जाकर पटक दिया, और उसकी छोटी पत्नी तिलासोबाई को घायल कर दिया। इधर हाथी के वंहा से हटने के बाद गांव के लोगो ने आनन फानन मे दोनो घायलो को जिला अस्पताल मे लाकर भर्ती कराया,, जंहा डाक्टरो ने 58 वर्षीय कृष्णा को मृत घोषित कर दिया , वही उसकी पत्नी तिलासो बाई का जिला अस्पातल मे इलाज चल रहा है ।

रात की इस घटना के बाद क्षेत्र के लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी घटना स्थल पर पंहुचे थे,, और आज दोपहर 1 बजे वन विभाग के आला अधिकारी जिला अस्पताल पंहुचे,, जंहा उन्होने घायल महिला और परिजनो से मुलाकात की,, इसके बाद मीडिया से चर्चा के दौरान क्षेत्र के रेंजर जी.बी.राम ने बताया कि मृतक को तात्कालिक सहायता राशि के रुप मे 25 हजार दे दी गई है,, और पीएम रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजन को 4 लाख की सहायता राशि भी प्रदान कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि बटवाही और जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से लगे खैरबार के जंगलो मे 13 हाथियो का दल आंतक का पर्याय बने हुए है,,, बटवाही के कृष्णा को मौत के घाट मे उतारने के पहले बीते 19 मार्च को बुलगा गांव के एक ग्राम चौकीदार को इन्ही हाथियो ने पटक पटक कर मार डाला था। बहरहाल लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के वनकर्मी हाथियो से बचने और हाथियो को जंगल मे रोके रखने का कोई सार्थक उपाय नही खोज पा रहे है,, जिसकी वजह से हाथी रोजाना खेतो ,मकानो और इंसानो के दुश्मन बनते जा रहे है।