सूरजपुर…गरीबों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे सबसे महत्वपूर्ण योजना राशन वितरण योजना पर दुकान संचालक किस तरह जमकर अनियमितता कर रहे हैं। इसका ताज़ा उदाहरण सूरजपुर जिले में साफ तौर पर दिखाई दे रहा हैं। दुकान संचालक हितग्राहियों के कार्ड में पूरा-पूरा प्रिंट किया गया हैं। जबकि, राशन कम दिया गया हैं। इस तरह की राशन वितरण में गड़बड़ी से अब हितग्राही इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत करने को मजबूर हो गए हैं।
दरअसल, पूरा मामला सूरजपुर जिले के प्रेमनगर के ग्राम पंचायत नवापारा कलां का हैं। जहां राशन दुकान संचालक के द्वारा हितग्राहियों को शासन से निर्धारित नियमों को ताक पर रख कर हितग्राहियों को जितना मिलना चाहिए उससे कम चना का वितरण किया गया रहा हैं। संचालक द्वारा जुलाई माह में सभी हितग्राहियों को 2 किलो चना की जगह एक किलोग्राम ही दिया गया हैं। और बताया कि, चना कम आया हैं तो अगले महीने यानी की अगस्त में जुलाई महीना का भी चना दिया जाएगा। जबकि, राशन कार्ड में 2 किलोग्राम चना प्रिंट कर दिया गया हैं। जिसका पैसा भी हितग्राहियों से ले लिया गया हैं। अब अगस्त महीने का राशन वितरण हो रहा हैं तो फिर संचालक द्वारा कहा जा रहा हैं कि, जुलाई महीने का चना अगले महीने (सितंबर) में आएगा तो दिया जाएगा। इस उचित मूल्य दुकान में 938 हितग्राही हैं। जिनको उनके भोलेपन होने का फायदा उठाते हुए इस तरह की अनियमितता बरती जा रही हैं। हितग्राहियों का ये भी आरोप हैं कि, संचालक द्वारा राशन देरी से शुरू करने से कई हितग्राहियों को सर्वर डाउन, लाइट की समस्या और ज्यादा कार्ड होने के चलते फिंगर नहीं लग पाने से उस महीने का राशन भी नहीं मिल पाता हैं। बाद में बोलने पर संचालक द्वारा बोला जाता हैं आप पिछले महीने में फिंगर ही नहीं लगाए हैं तो कहा से राशन मिलेगा। बता दें कि, संचालक द्वारा राशन वितरण ज्यादातर महीने के दूसरे पखवाड़े में ही शुरू किया जाता हैं।
वही, इस मामले में राशन दुकान संचालक राम कुमार भारती से फटाफट की टीम उचित मूल्य दुकान में जाकर हितग्राहियों के समक्ष बातचीत की गई तो उन्होंने ने बताया कि, जुलाई महीने में चना कम आया था। लेकिन, चना आ जाएगा इसके बाद दे दिया जाएगा। उनसे पूछा गया कि, ऐसा क्यों हो रहा हैं? बाकी गांव की राशन दुकान में तो ऐसा नहीं हो रहा हैं? तब उन्होंने कहा, जब कुछ हितग्राही किसी कारण वश राशन नहीं ले जाते हैं तो अगले महीने राशन में कटौती कर विभाग द्वारा राशन भेजा जाता हैं। इसलिए ऐसा हो रहा हैं। उन्होंने ये भी बताया कि, जब हमने राशन वितरण संचालन की जिम्मा लिया, उससे पहले से ही राशन कम आता हैं। जिसका भरपाई अब तक नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा अब हम अपने पैसे से तो राशन नहीं दे सकते हैं। संचालक से बातचीत के बाद अब सवाल ये हैं कि, आखिरकार हितग्राहियों का हक का राशन कौन डकार गया ? कौन करेगा गबन हुई राशन की भरपाई गबनकर्ता या प्रशासन ?
इस संबंध में खाद्य अधिकारी भुनेश्वर भगत से फटाफट न्यूज़ की टीम +918234033963 इस नंबर पर कॉल करके चर्चा की तब उन्होंने कहा कि, इसकी जानकारी मुझे नहीं हैं। आप के द्वारा ही पता चल रहा हैं। उन्होंने कहा कि, यदि ऐसा हो रहा हैं तो जांच की जाएगी। जिसके लिए वहां टीम जाएगी।
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बता दें कि, छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत् गरीब तबके के लोगों को 1 रुपए प्रति किलो के हिसाब से चावल देने की योजना संचालित हैं। बाद में 1 रुपए प्रति किलो की जगह फ्री में चावल दिया जा रहा हैं। जिसके लिए प्रत्येक पंचायत में महिला समूहों के द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित कराई जा रही हैं।
बहरहाल, अब देखना यह हैं कि, नवापारा कलां शासकीय उचित मूल्य दुकान (जिसका संचालन अनिता स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा हैं) में हो रही अनियमितता पर किस तरह की एक्शन अधिकारियों द्वारा ली जाती हैं।