जांजगीर-चाम्पा। केएसके पॉवर प्लांट प्रबंधन और भूविस्थापित श्रमिकों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। आए दिन प्लांट प्रबंधन वादाखिलाफी पर उतर आता हैं। जिसके चलते विवाद की स्थिति उत्पन्न होती हैं। अब प्रबंधन की लापरवाही से श्रमिक परिवारों के 600 बच्चों का भविष्य अधर में हैं। दरअसल, प्रबंधन ने सूचना चस्पा कर भूविस्थापित श्रमिकों के दो बच्चों की पढ़ाई के लिए 1100 भत्ता देने व परिवार के दो बच्चो का पढ़ाई का खर्चा उठाने का दावा किया था। लेकिन, अपने वादों से अब मुकर रहा हैं। जिसके चलते अब बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं। इससे नाराज एचएमएस यूनियन के आह्वान पर कारखाना में टूल डाउन हो गया हैं। इससे वहां का काम ठप पड़ा हुआ हैं। मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने प्रबंधन से कहा हैं कि, जो वादे किए गए थे उसको जल्द पूरा करें।
केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड की स्थापना से शुरू हुआ विवाद अब तक जारी हैं। आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर प्रबंधन और श्रमिक आमने-सामने हैं। कंपनी ने बीते 8 मई को एक सूचना चस्पा किया था। जिसमें कंपनी ने कहा था कि, भू विस्थापित श्रमिक परिवारों के दो बच्चों की शिक्षा खर्च प्रबंधन उठाएगा। नए शिक्षा सत्र में प्रवेश के लिए प्रवेश फार्म दिया जा रहा हैं। लेकिन, स्कूल खुलने के बाद यह दावा हवा हवाई निकला।
इधर, श्रमिकों का कहना हैं कि, उनके बच्चों का अब तक एडमिशन नहीं हुआ हैं। कई पालकों ने स्कूल से टीसी भी निकाल लिया हैं। स्कूल खुलने के बाद भी यदि बच्चे स्कूल न जाए। तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता हैं। वहीं जिले के श्रम अधिकारी का कहना हैं कि, प्रबंधन ने जो वादा किया था भू स्थापित श्रमिकों से उनको पूरा करना चाहिए। उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दी गई हैं। जल्द समस्या का निदान किया जाएगा प्रबंधन से भी बात हो रही हैं।