“घर पर ही सीमित जगह और संसाधनों में भी बागवानी कर पर्यावरण को कैसे रखें स्वच्छ”
विज्ञान सभा सरगुजा द्वारा 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डॉ. तृप्ति विश्वास की अध्यक्षता में बढ़ते पर्यावरणीय समस्या के निराकरण में शहरी क्षेत्र के घरेलू बागवानी का योगदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. यह आयोजन शहर की जानी मानी बागवानी की शौकीन बानी मुखर्जी एवं भानू मुखर्जी के घर की छत के बगान में किया गया। इस दौरान विज्ञान सभा के सदस्यों गृहणियों बच्चों द्वारा छत के बगान का भ्रमण अवलोकन के साथ साथ बागवानी के गुर , बारीकियों की सीख भी मिली। बातचीत के दौरान श्री भानू मुखर्जी ने अंबिकापुर को राष्ट्रीय स्तर पर “क्लीन सिटी” के साथ साथ “ग्रीन सिटी” बनाने पर जोर देते हुए घरेलू बागवानी को करने एक दूसरे से देख के सीखा जा सकता है साथ ही बागवानी को विकसित करने की सलाह दी. बानी मुखर्जी ने महिलाओं और बच्चों को अधिक से पेड़ पौधे लगाने कहा और बताया किस प्रकार कामकाजी महिलाएं खुद बागवानी करते हुए परिवार को भी प्रकृति से जोड़ सकती हैं, नूतन सिंह ने कहा हर घर मे कम से कम दो तीन पौधे लगाने से भी बढ़ती गर्मी और प्रदूषण को कम करने में कुछ तो योगदान दिया ही जा सकेगा. विज्ञान सभा की वरिष्ठ सदस्या अनिता विश्वकर्मा ने इनके छत मे घरेलू अपशिष्ट से खाद बनाने और प्लास्टिक के सामानों बेकार सामानों के गमले के रूप में इस्तेमाल की प्रशंसा करते हुए इस प्रयास को बच्चों में भी विकसित करने कहा।
डॉ शबनम ख़ानम ने किचन गार्डन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार रखे कि किस तरह बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए रोजमर्रा में खाने के उपयोग में लाए जाने वाली अनेक तरह की सब्जियां और फल घर पर ही छोटी सी जगह में ही थोड़ी सी मेहनत करके,उपलब्ध संसाधनों की सहायता से उगाई जा सकती हैं। कार्यक्रम की संयोजिका अनामिका चक्रवर्ती ने मुखर्जी दंपत्ति द्वारा छत पर लगन और मेहनत से ड्रम और बड़े बड़े कंटेनर में
फलदार पौधे, हर तरह के रंग बिरंगे फूलदार शोभाकारी, सुकुलेंट, कैक्टस की विविधता की ओर ध्यान देते हुए कहा कि इस तरह के प्रयास से हम बच्चों को विभिन्न पौधों की जानकारी, जैव विविधता से परिचित करा सकते हैं और उनका संरक्षण भी सूखा सकते हैं। सुजाता पाल ने बागवानी को सुकून प्रदान करने और तनाव मुक्त रखने वाला शौक बताया और उनके द्वारा सुमधुर गीत भी प्रस्तुत किये गए. नन्हे सदस्य जॉय और साथियों ने बाग में घूमने के साथ पेड़ पौधे प्रकृति से जुड़े कविता की प्रस्तुति दी।
पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस परिचर्चा का संचालन विज्ञान सभा सरगुजा की सचिव डॉ.शबनम ख़ानम द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजिका अनामिका चक्रवर्ती ने करते हुए बताया कि 2020 से विज्ञान सभा सरगुजा द्वारा लगातार लोगों को विज्ञान के प्रति जागरुकता लाने, अंधविश्वासों को दूर करने के लिए सक्रिय प्रयास किये जा रहें हैं। इसी तारतम्य में विद्यालयीन स्तर पर पर्यावरण संरक्षण पर हमारा काम वीडियो निर्माण, सेल्फी विथ नेचर, पर्यावरण गीत के गायन का आयोजन भी उच्चतर माध्यमिक शाला रामपुर के बच्चों द्वारा विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों मे किया गया। जबकी शहर में अब *”क्लीन सिटी”* के साथ साथ *”ग्रीन सिटी”* कांसेप्ट को घर घर फैलाने का संकल्प सभी सदस्यों द्वारा लिया गया है, जिसके तहत नगर स्थित और नगर के आसपास स्थित विभिन्न फार्म हाउस में वर्कशॉप का आयोजन , घरेलू बगीचों के भ्रमण का आयोजन पूरे जून महीने किया जा रहा है . इसमें संस्था के संस्थापक सदस्यों लीना थॉमस, अनिल सिंह, संदीप कुशवाहा की भूमिका महत्वपूर्ण है।