रायपुर. छत्तीसगढ़ PSC विवाद पर भाजपा के युवा नेता और पूर्व कलेक्टर का बयान सामने आया हैं। ओपी चौधरी ने कहा- हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में न्यायिक जांच हो। पीएससी विवाद राजनीतिक मुद्दा नही हैं। BJP कांग्रेस का आरोप नही हैं।ये युवा भाई बहनों का संदेह हैं। ओपी चौधरी ने BJP शासनकाल में हुए विवाद को भी स्वीकारा। उन्होंने कहा कि, भाजपा के शासनकाल में पोलिटिकल कमिटमेंट था। उस समय हुए विवाद को विशेस प्रस्ताव लाकर बदला गया था। इस समय युवाओ के मन मे उठ रहे संदेह को राज्य सरकार को खुद इनिसिएट करना चाहिए। ओपी चौधरी ने कहा कि, कांग्रेस की सरकार आने के बाद तरह-तरह के आरोप लगे, युवाओ की मांग रही शीट की कार्बन कॉपी हो, वीडियोग्राफी हो, मॉडल आंसर की ट्रांसपेरेंसी और पारदर्शिता के लिए युवा मांग करते रहे हैं। इनके मांग कभी पूरे नहीं हुए।
अभी जो परिणाम आया हैं। पीएससी चेयरमैन के अधिकारियों के रिश्तेदारों के नियुक्ति, कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओ के परिवारों की नियुक्ति, भाई-बहन पति-पत्नी की नियुक्ति यह सब संदेह का वातावरण निर्मित हुआ हैं। हर तरफ संदेह ऐसी स्थिति में हाई कोर्ट के रिटायर्ड ऑफिसर से राज्य सरकार को जांच करवाना चाहिए ताकि छत्तीसगढ़ के युवाओं के मन में हताशा और निराशा का माहौल ना बने।
ओपी चौधरी ने भाजपा के शासनकाल में हुए विवाद को स्वीकारते हुए कहा- उस समय पॉलिटिकल कमिटमेंट था कि पैसे से पीएससी के सेटिंग हुई। चेयरमैन को कैबिनेट में विशेष प्रस्ताव लाकर समय से पहले बदला गया था। यह पॉलिटिकल कमिटमेंट था। बाद में प्रदीप जोशी आकर चेयरमैन बनाए गए। उसके बाद प्रदेश के युवा भाई बहन सभी जानते हैं। प्रत्येक संविधान दिवस को 26 नवंबर के दिन वैकेंसी आना, अगले संविधान के पहले वैकेंसी पूर्ण हो जाना, उसके अलावा कोर्ट प्रोसीजर से सबसे आगे निकालते हुए लगातार भर्तियों को अंजाम देना, फाइनल रिजल्ट समय से निकाल देना, बहुत अच्छे पारदर्शिता से उन्होंने कदम उठाया, और उसके बाद वे यूपीएससी के चेयरमैन भी बने।
वही, मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने इस मामले में सही तथ्य मांगा हैं, और कहा हैं कि, सही तथ्य सामने आ जाएंगे तो सरकार जांच के लिए तैयार हैं।