रायपुर... छत्तीसगढ़ में चल रही सियासी उठा पठक के बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस का बड़ा सामने आया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस का पॉलिटिकल कमबैक, राज्यपाल के अधिकारों की समीक्षा और भगवान राम के बाद सियासत में भगवान हनुमान की एंट्री पर बड़ा बयान सामने आया है। छत्तीसगढ़ और देश की सियासत में भगवान राम के बाद हनुमान जी की एंट्री के मसले पर रमेश बैस ने कहा कि देश राम मय शुरू से रहा है। हर युग में धर्म का महत्व रहा है। कुछ समय पहले लगता था कि, लोगों के मन में धर्म के प्रति आस्था कम हो रही है, लेकिन कुछ समय से देश में ऐसा माहौल बना हुआ है कि लोगों की धर्म के प्रति आस्था बढ़ी है। हर व्यक्ति अपने धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है। कई लोग इसे गलत अर्थ में बयानबाजी करते हैं।
क्या आपकी राजनीतिक वापसी होगी?
इस सवाल के जवाब में बैस ने कहा- कोई भी ऊपर जाने के बाद नीचे नहीं उतारना चाहता। मेरे लिए हाईकमान जो भी निर्णय लेगा वह उचित होगा। पार्टी ने हमेशा मुझे सहयोग किया, सम्मान दिया। एक गांव का लड़का आज महाराष्ट्र में राज्यपाल के पद पर आसीन है।
छत्तीसगढ़ सहित कई स्टेट में कुछ जरूरी बिल राजभवन में अटके हैं। क्या राज्यपाल के अधिकारों की समीक्षा होनी चाहिए?
इस सवाल के जवाब में रमेश बैस ने बयान देते हुए कहा कि, पहले हर राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होती थी। जिसके कारण विवाद की स्थिति नहीं होती थी। अब अनेक राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकारें हैं। सरकार की अपेक्षाएं दूसरी होती है लेकिन राज्यपाल संविधान से बंधा है। जो संविधान कहेगा उसके अनुसार राज्यपाल को चलना होता है। लेकिन, दबाव में आकर जल्दबाजी करने को कहा जाए तो अनुचित है। अगर राज्यपाल के पास कोई बिल भेजा जाए तो समय निर्धारित के लिए प्रावधान नहीं है। कई राज्यों में राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव हो रहा है। टकराव के कारण देरी हो रही है। जब राज्यपाल संविधान से बंधा है। तो संवैधानिक स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे। आज मैं जहां हूं। वहां भी संविधान की रक्षा करने के लिए कार्य करता रहूंगा।