रायपुर. सरकार अपना अंतिम बजट पेश कर चुकी हैं। हर वर्ग ने उम्मीद लगाया था लेकिन किसी की उम्मीद पूरी हुई तो किसी की उम्मीद टूटी। और इसी उम्मीद के साथ अलग-अलग वर्ग के लोग अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। छतीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षको ने आज काली पट्टी पहनकर काम किया। इनकी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर करने को लेकर महिलाएं काली पट्टी लगा कर काम रही है। पूरे छतीसगढ़ से 1750 महिलाएं हैं जो वेतन विसंगति की मांग कर रही हैं। इसके पहले भी महिलाएं बूढ़ा तालाब धरना स्थल में इक्कठे होकर आवाज बुलंद कर चुकी हैं। आज बजट में सरकार ने इनके लिए कोई प्रावधान नही लाया जिससे आक्रोशित होकर आगे और आंदोलन की बात महिलाओं ने कही। वही आज सोमवार को दुर्ग, बिलासपुर, पखांजूर, कोरबा, जशपुर जिले में पर्यवेक्षकों ने काली पट्टी लगाकर काम किया।
बता दे कि इसके पहले विभाग की पर्यवेक्षकों ने 2016 में हड़ताल किया था, तब से लेकर अब तक मांग पूरी नही हुई। उसके बाद आज फिर हड़ताल कर रहे। महिलाएं काली पट्टी पहन प्रदर्शन कर रही है। इसके पहले पर्यवेक्षकों ने काली साड़ी पहन कर प्रदर्शन किया था।
महिला बाल विकास विभाग कल्याण संघ की प्रांताध्यक्ष ऋतु परिहार ने बताया कि उच्च श्रेणी शिक्षक 4800 ग्रेड पे पर है, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, खाद्य निरीक्षक में सब 2800 ग्रेड पे पर है, हमारे साथ वाले 42-43 ग्रेड पे पर पहुंच गए हैं। लेकिन हम 2800 ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं। पांचवें वेतन मांग से जो आज तक वेतन विसंगति चल रही हैं वो आज तक खत्म नहीं हुई है। यह सांकेतिक आंदोलन है। इसके बाद हम पांच दिवसीय आंदोलन अपने अपने जिले पर करेंगे। जिसके बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। भूख हड़ताल की रणनीति भी तय किए हैं कि हम आंदोलन को उस जगह तक लेकर जाएंगे लेकिन दूर करवा कर ही मानेंगे।