महासमुंद. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने आज संयुक्त मंच के बैनर तले रायपुर राजधानी के तूता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर विधानसभा का घेराव करने निकले थे। जिन्हे रास्ते में ही पुलिस ने रोक लिया। पुलिस और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झूमा झटकी हुई। पुलिस ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को आधे रास्ते में ही रोक लिया। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के खिलाफ घंटों नारेबाजी के बाद प्रदेशभर से पहुंचीं कार्यकर्ताओं ने अपने 6 सुत्रीय मांगों को लेकर अपने अपने जिले में अनिश्चित कालीन हड़ताल को जारी रखने का फैसला लेकर वापस लौट रही हैं। कल से पुनः महासमुंद जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ के सभी जिले में अनिश्चितकालिन हड़ताल को जारी रखेंगी।
छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रांत उपाध्यक्ष सुधा रात्रे ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की दमनकारी नीति के आगे अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका नहीं झुकेगी। संयुक्त मंच के बैनर तले चल रहे आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अब यह लड़ाई आर पार की लड़ाई में तब्दील हो गई है। 23 जनवरी 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी 6 सुत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रही है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में जो वादा किया था उस वादे से वह मुकर रही है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को कलेक्टर दर की मांग को अनदेखा कर रही है। जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को आने वाले विधानसभा के चुनाव में भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राज्य भर के डेढ़ लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ छल किया है।
राज्य सरकार के इस दमनकारी नीति के खिलाफ आगामी दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की संयुक्त मंच रणनीति बना कर आगे आंदोलन को बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि आज महासमुंद जिले के पांचों ब्लॉक बागबाहरा, पिथौरा, बसना, सरायपाली और महासमुंद की लगभग तीन हजार कार्यकर्ता रायपुर राजधानी तूता विधानसभा का घेराव करने गई थी। जहां एक सभा का आयोजन किया गया और अपरान्ह 3 बजे विधानसभा का घेराव करने निकली थी जिसे पुलिस ने आधे रास्ते में ही रोक लिया। आज के कार्यक्रम में शामिल होने राजधानी पहुंचने वालों में सुलेखा शर्मा सरोज चंद्राकर सूशीला ठाकुर संतोषी यादव ज्योत्स्ना नन्द हाजरा खान अंजू पराजप्ति रेणुका रागिनी उषा चौहान सहित पूरे जिले से हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका पहुंची थी।