बालोद. जिले में अचानक 3 हजार मुर्गियों की मौत से हड़कंप मच गया है। पोल्ट्री फार्म संचालक द्वारा मामले को दबाते हुए पशु विभाग और प्रशासन को बिना जानकारी दिए मुर्गियों को डिस्पोज भी किया जा रहा था। पत्रकारों द्वारा मामला उजागर करने से पोल्ट्री फार्म संचालक बौखला भी गए थे। पशु विभाग की टीम द्वारा मुर्गी का पोस्टमार्टम कर जांच के लिए सैंपल भेजा गया है।
दरअसल पूरा मामला जिले के दल्ली राजहरा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड क्रमांक 16 का है जहां तिवारी पोल्ट्री फार्म में 2 फरवरी से 1560 मुर्गियों के साथ मौत का सिलसिला जारी हुआ जहाँ 6 फरवरी तक 3 हजार से अधिक मुर्गियों का मौत हो गया। मामले को लेकर पशु विभाग के उपसंचालक ने कहा कि उन्हें पोल्टी फॉर्म मे मुर्गियों की मौत की कोई जानकारी नहीं थी। जिसके बाद पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंच मुर्गी का पोस्टमार्टम कर सैंपल जांच के लिए ले जाया गया। जिसकी पोस्टमॉडम रिपोर्ट आने के बाद मौत का स्पष्ट कारण पता चल पाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोल्ट्री फार्म संचालक के द्वारा संचालन के पूर्व नगर पालिका से कोई अनुमति नहीं लिया है। ऐसे में नियम के अनुसार संचालक के ऊपर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती हैं। जिसे सम्बन्ध मे मीडिया द्वारा पशु उपसंचालक से सवाल किए जाने पर संचालक के खिलाफ कार्रवाई होने का अंदेशा जता खानापूर्ति करते नजर आया।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि इतनी भारी तदाद में मुर्गियों के मौत के बाद भी पोल्टी फार्म संचालक ने पशु विभाग और प्रशासन को बिना कोई सूचना दिए डिस्पोज कर रहे थे। जिसकी सूचना मीडिया कर्मी द्वारा पशु विभाग व प्रशासन को दे स्टोरी कवरेज करने गए। जहां मामला उजागर होने से बौखलाए पोल्ट्री फार्म संचालक ने मीडिया कर्मियों और पत्रकारों के साथ बदतमीजी कर दिया। जिसकी सूचना पत्रकारों द्वारा पुलिस व प्रशासन को दिए जाने के बाद पुलिस पेट्रोलिंग की टीम मौके पर पहुंचे।