फ़टाफ़ट डेस्क. देश सेवा के लिए लाखों रुपये की सैलरी दिव्या ने छोड़ दी और इनकी कहानी शुरू होती हैं 2013 से। करीब 10 साल पहले UPSC पास कर IAS बनने वाली दिव्या वर्तमान में मिर्जापुर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवाएं दे रही हैं। इससे पहले वह संत कबीर नगर की जिलाधिकारी के रूप में भी सेवाएं दे चुकी हैं। IAS दिव्या मित्तल (Divya Mittal) भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने से पहले लंदन में लाखों रुपये वाली नौकरी कर रही थीं। हालांकि, उन्होंने नौकरी छोड़कर भारत वापस आने और खुद को देश सेवा में समर्पित करने का फैसला लिया।
अशोक बम्बावले पुरस्कार से सम्मानित
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। इन पदों में बरेली विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष, UPSIDA की संयुक्त मैनेजिंग डायरेक्टर, गोंडा की CDO, मवाना, मेरठ और सिधौली (सीतापुर) की SDM की पोस्ट शामिल हैं। IAS आईएएस अधिकारी दिव्या की योग्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक सेवा की शुरुआत से पहले मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अशोक बंबावाले पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं।
3 साल में IAS बन गए पति पत्नी
IAS दिव्या ने जो कहा उस रिपोर्ट के मुताबिक कि वे भले ही लंदन में उनके और उनके पति को मोटी सैलरी मिल रही थी, लेकिन उन्होंने भारत को याद करना बंद नहीं किया। गगनदीप और दिव्या दावा करते हैं कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC को क्रैक करने के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं ली। गगनदीप ने 2011 में क्वालिफाई किया। बता दे कि दिव्या को IAS ऑफिसर बनने की प्रेरणा भी अपने पति गगनदीप से ही मिली।