फटाफट डेस्क: सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से लगातार ये मैसेज खूब चल रहा हैं कि नए साल में बैंकों ने हर छोटी-मोटी सुविधा और सेवा के लिए अब शुल्क वसूलने का फैसला किया हैं। इस संबंध में एक वीडियो वायरल हो रहा हैं। इस वीडियो में एंकर द्वारा दावा किया जा रहा हैं कि, 20 जनवरी से सरकारी बैंकों में सारी फ़्री में मिलने वाली सेवाएं खत्म हो जाएंगी।
बैंक 20 जनवरी से बंद करेंगे मुफ्त सेवाएं
वायरल हो रहे वीडियो में एंकर इंटरनेट बैंकिंग के अलावा दूसरी सेवाओं में लगाए गए अतिरिक्त शुल्क के बारे में जानकारी देती हुई नजर आ रही हैं। वीडियो शेयर कर की यूजर्स ने दावा किया है कि ये नियम 20 जनवरी से लागू हो जाएंगे। वीडियो में बताया जा रहा है कि, हर सेवा के लिए फीस सीधे ग्राहकों के एकाउंट से ही काट ली जाएगी और इसके ऊपर जीएसटी भी लगेगा।
वीडियो में किए गए कई दावे
वीडियो में बताया जा रहा हैं कि, ये अतरिक्त शुल्क चेक और इंटरनेट बैंकिंग और अन्य सेवाओं पर भी लगाया जाएगा। क्लिप को बहुत व्यापक रूप से शेयर किया गया है और दावा किया जा रहा है कि ये नियम 20 जनवरी से लागू हो जाएंगे। वायरल हो रही इस वीडियो की वन इंडिया की फैक्ट चेक टीम में जांच की है। जांच के दौरान हमें मालूम चला किया ये पुराना वीडिया हैं और गलत दावों से वायरल किया जा रहा है।
वीडियो 4 साल पुराना है
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक पोस्ट मिली जिसमें यह वीडियो था। यह वीडियो 20 दिसंबर 2018 को एक फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया था। हमें The Message नाम के एक चैनल पर पर भी ये यूट्यूब वीडियो मिला। यह वीडियो 7 जनवरी 2018 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। इसके अलावा वनइंडिया को पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार का एक ट्वीट भी मिला। जिसमें 10 जनवरी 2018 के अपने ट्वीट में उन्होंने अतिरिक्त बैंक शुल्कों पर इन अफवाहों का खंडन किया था।
वायरल वीडियो का पूरा सच
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, बैंकों द्वारा 20 जनवरी से मुफ्त सेवाओं को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ये केवल अफवाहें हैं। कृपया ध्यान न दें। इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के एक हिस्से में वायरल हो रही ये सारी अफवाहें निराधार हैं। इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन ने भी इस बारे में प्रेस रीलिज जारी किया और कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है। इससे साफ हो जाता है कि, वायरल हो रही ये खबरें गलत हैं। अगर कोई ऐसे बदलाव होते हैं, तो रिजर्व बैंक और सरकार इन्हें लेकर बयान जारी करती है।