रायपुर: संसद में केंद्र सरकार की ओर से राम सेतु को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस बीजेपी में अलग ही जंग छिड़ गई हैं। राम सेतु को भगवान राम की भक्ति से जोड़कर दोनों पार्टी एक दूसरे को भगवान राम को नकारने वाली पार्टी बता रहे हैं। इधर सीएम बघेल ने हेलिपैड में चर्चा के दौरान कहा था कि जब कांग्रेस सरकार में ये बात कहि गई थी तब हम राम विरोधी थे। अब उनकी सरकार सदन में कहते हैं पुख्ता सबूत नही हैं, इनको किस श्रेणी में रखा जाए, भारतीय जनता पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए। इसी के जवाब में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा है कि पहले कांग्रेस द्वारा कोर्ट में दिए हलफनामे को पढ़ ले।
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये बात कही हैं कि रामसेतु मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को तथ्यों से परे हैं। वे रामसेतु पर जो व्याख्यान दे रहे हैं, वैसा कोई न तो सवाल है और न ही रामसेतु के अस्तित्व को नकारने का कोई जवाब है, कांग्रेस की कुटिलता राम भक्तों से छुपी नहीं है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लोकसभा सांसद अरुण साव ने कहा कि राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने रामसेतु के ढांचे के वैज्ञानिक अनुसंधान को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार भारत के गौरवशाली इतिहास पर कोई वैज्ञानिक शोध कर रही है क्योंकि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर लगातार ध्यान नहीं दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि सरकार लगातार ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रही है, सवाल के जवाब में उन्होंने इस मामले में अन्य जानकारी भी दी। अब भूपेश बघेल बतायें कि भाजपा की केंद्र सरकार ने अस्तित्व नकारा है या जांच के काम कर रही है?
क्या था राम सेतु को लेकर कोर्ट में कांग्रेस द्वारा दिया हलफनामा
छत्तीसगढ़ बीजेपी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया हैं कि 2008 में यूपीए मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार दिया था और कोर्ट में कहा था कि वहां कोई पुल नहीं है, ये स्ट्रक्चर किसी इंसान ने नहीं बनाया, यह किसी सुपर पावर से बना होगा और फिर खुद ही नष्ट हो गया। इसी वजह से सदियों तक इसके बारे में कोई बात नहीं हुई, न कोई सबूत है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साव ने कहा कि अब भूपेश बघेल बतायें कि कांग्रेस ने किसके निर्देश पर भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारा था और किसके आदेश पर रामसेतु को काल्पनिक बताया था, किसके हुक्म पर कहा था कि कोई सबूत नहीं है, कांग्रेस रामसेतु वाले स्थान पर प्रोजेक्ट के लिए खुदाई कर अवशेष क्यों ध्वस्त करना चाहती थी?
अरुण साव के इसी बयान पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी तुरन्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपाइयों को कालनेमी रूपी राम भक्त बताया। जारी विज्ञप्ति में ये भी कहा गया हैं कि अरूण साव बताये राम सेतु को नकारने वाली मोदी सरकार का विरोध कब करेंगे?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान श्री रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है। कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले है, लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है, अरूण साव संसद में कही गयी भाजपा सरकार के मंत्री के अधिकृत बयान को पढ़ ले यही भाजपा का असली चरित्र है।
मोदी सरकार के मंत्री ने सदन में राम सेतु के अस्तित्व को नकारा हैं- कांग्रेस
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आंनद शुक्ला ने ये भी कहा कि, मोदी सरकार के मंत्री ने सदन में अधिकृत रूप से राम सेतु के अस्तित्व को नकारा है, मतलब पूरी भाजपा और भाजपा सरकार इससे सहमत है।
राम सेतु के बयान पर प्रधानमंत्री क्यों मौन हैं?
शुक्ला ने कहा कि मंत्री के बयान पर प्रधानमंत्री ने भी कुछ नहीं कहा उनकी भी मौन सहमति है, राम सेतु के नाम पर कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले भाजपाई कांग्रेस से माफी मांगे।