सारंगढ़-बिलाईगढ़: जिले के बरमकेला वन परिक्षेत्र के जंगलों में तेंदुए की दहशत देखी जा रही है। सोमवार को गांववालों ने बताया कि पिछले दो हफ्ते में जंगल में गाय, बछड़े और बकरियों को तेंदुआ मार चुका है, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक वन विभाग का अमला मौके पर नहीं पहुंचा है।
ग्रामीणों ने कहा कि मारोदरहा विश्वासपुर बीट मुख्यालय के आसपास के जंगल में तेंदुआ मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है। इसकी वजह से अब लोग जंगल में जाने से कतराने लगे हैं। ज्यादातर घटना दादरपाली, धोबनीपाली व कनकन सागर जलाशय के ऊपरी जंगल में घटित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पिछले दिनों धोबनीपाली के रत्थू यादव, कालू चौहान, रामेश्वर यादव की बकरियों को भी तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। इसी तरह दादरपाली गांव की 4-5 बकरियों को भी तेंदुआ मार चुका है। मानिकपुर बड़े, कनकन सागर जलाशय के पास भी दो बछड़ों का शव मिला।
दो महीने पहले भी तेंदुए ने यहां दस्तक दी थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है और तेंदुआ उनके मवेशियों का शिकार कर रहा है। तेंदुए को पकड़ने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है और न कर्मचारियों ने गांववालों को हुए नुकसान का आकलन किया है।
इधर कांकेर जिले के रिहायशी इलाकों में भी तेंदुए की आमद से लोगों में खौफ है। शनिवार 29 अक्टूबर की रात को भी कांकेर से 4 किलोमीटर दूर डुमाली में तेंदुआ नजर आया था। शहर से सटे इलाकों में लगातार तेंदुए की दहशत देखी जा रही है। सोमवार 24 अक्टूबर की रात भी शहर से नजदीक दो गांवों में तेंदुए सड़क किनारे घूमते हुए दिखाई दिए थे।