FatafatNews Desk: शीर्षक भले ही सियासी नारा हो, मगर इस शख्सियत को जानने वाले इसके मायने जानते हैं। उन खामियों से मुलायम भी नहीं बचे जो राजनीति लाती है, लेकिन उनके सियासी मतभेद कभी निजी रिश्तों के आड़े नहीं आए। अटल बिहारी हों या ND तिवारी आखिरी दिनों में उनकी खैरियत लेने वाले नेताओं में मुलायम सबसे आगे होते थे। दुआ करिए पुरानी तरह की राजनीति करने वाले नेताओं की आखिरी कड़ी का नेता अगली पीढ़ी को कुछ और वक्त दे सके।