Chhattisgarh News: सरगुजा में स्कूल का रिसता छत, गिरता प्लास्टर… जान जोखिम में डाल बच्चे गढ़ रहे अपना भविष्य


सीतापुर (फटाफट न्यूज) | अनिल उपाध्याय

Dilapidated School Building In Surguja: कई साल पहले अभियान चलाकर बच्चो को स्कूली शिक्षा से जोड़ने एक नारा दिया गया था। जिनगी ला गढे बर, स्कूल जाबो पढ़े बर। आज क्षेत्र के स्कूलों का हाल देख ये नारा बेमानी हो गया है। मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुके स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्र अपनी जान जोखिम में डाल भविष्य गढ़ने को मजबूर है। स्कूलों की माली हालत देख अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। उनका कहना है कि समय रहते जर्जर स्कूलों की मरम्मत नही कराई गई तो भविष्य में यहाँ अप्रिय हादसा हो सकता है।

गौरतलब है कि नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही क्षेत्र के सारे स्कूल खुल गए है। जहाँ दिनो दिन बच्चो की उपस्थिति बढ़ने लगी है। अभिभावक भी अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने स्कूलों का रुख करने लगे है, ताकि उनका बच्चा शिक्षित होकर अपना भविष्य गढ़ सके। किंतु निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों की हालत काफी जर्जर हो गई है। ऐसी स्थिति में इन जर्जर स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र जान जोखिम में डालकर अपना भविष्य गढ़ने को मजबूर है। ऐसा ही सरगुजा जिले के माध्यमिक शाला ग्राम पंचायत बगडोली में है। मरम्मत और रख रखाव के अभाव में जिसकी हालत काफी जर्जर हो चुकी है। जहाँ बरसात के दिनों में छत से पानी रिसाव होने के कारण छत का प्लास्टर कई जगहों से उखड़कर गिर चुका है। अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण मजबूरी में गाँव के बच्चे यहाँ पढ़ाई करने आते है। जहाँ बारिश के दिनों में रिसते पानी के कारण प्लास्टर गिरने का भय हमेशा बना रहता है।

इस संबंध में संस्था द्वारा कई बार संबंधित विभाग को अवगत करा जर्जर विद्यालय की मरम्मत कराने की माँग की थी, ताकि बच्चे सुरक्षित माहौल में बेखौफ होकर अपनी पढ़ाई कर सके। किंतु विभाग द्वारा अनसुना किए जाने के कारण विद्यालय की स्थिति मरम्मत के अभाव में दिनो दिन जर्जर होती चली गई। आज ये आलम है कि थोड़ी भी लापरवाही बड़ी घटना का कारण बन सकती है।

इस संबंध में बीईओ मिथिलेष सिंह सेंगर ने बताया कि विकासखंड के 126 जर्जर स्कूलों को चिन्हांकित कर मरम्मत कार्य हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही इन सभी स्कूलों का मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।