बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंद विचाराधीन बंदी की संदिग्ध मौत के मामले में मछुआ महासंघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मृतक परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा व मृतक के पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ बिलासपुर के मनहरण केंवट ने अपनी शिकायत में बताया कि विदेशीराम केंवट पिता चैतराम केंवट( 31) अपने ससुराल बोकरामुड़ा, चारपारा, बलौदा, जिला जांजगीर-चांपा में रहता था। वह नया माल धक्का व्यापार विहार रेलवे साइडिंग में हमाली का काम करता था। 14 मई को रेलवे पुलिस ने चोरी के आरोप में उसे गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया था। जेल जाने के पहले मुलाहिजा कराया गया। उस दौरान उसका स्वास्थ्य अच्छा था।
जेल जाने के बाद विदेशीराम को16 मई को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। 18 मई 22 को दोपहर दो बजे विदेशीराम केंवट की मौत हो गई। सिम्स अस्पताल से मर्ग की सूचना सिविल लाइन थाने में भेजा गया। थाने से मृतक की सूचना उसके छोटे भाई मानू केंवट को भेजा गया और कहा गया कि विदेशीराम केंवट की मौत जेल में कुत्ते के काटने से हुआ है। विदेशीराम केंवट की गिरफ्तारी व मौत की सूचना एवं जेल अस्पताल में भर्ती तथा सिम्स अस्पताल में भर्ती की सूचना उसके स्वजनों के किसी भी सदस्य को नहीं दी गई थी।
रेलवे पुलिस बिलासपुर द्वारा आरोपी के साथ मारपीट की गई। इससे उसकी मौत हुई है। मृतक के पोस्ट मार्टम में जाने के समय उसके हाथ और पैर पर रस्सी बंधा हुआ था। इससे साफ है कि मृतक के साथ रेल्वे पुलिस ने थर्ड डिग्री टार्चर का प्रयोग किया है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए रेलवे पुलिस ने थर्ड डिग्री टार्चर एवं जेल दाखिल कराकर विदेशीराम केंवट के मृत्यू का कारण बना। रेलवे पुलिस एवं जेल पुलिस के गलतियों के कारण एक हमाल मजदूर की मौत हो गई।
इसका दोषी केन्द्र व राज्य शासन को जाता है। विदेशीराम केंवट की पत्नी, व दो बेटिया अनाथ और असहाय हो गए हैं। इसलिए शासन से मांग करते हैं कि विदेशीराम केंवट के परिवार को 50 लाख मुआवजा राशि एवं पत्नी को शासकीय नौकरी दिलाई जाए। दोनो बेटियों को आत्मानंद स्कूल में मुफ्त शिक्षा की जिम्मेदारी शासन उठाए। अन्यथा भविष्य में इसी मुद्दे पर छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ व्यापक आंदोलन चलाने के लिए बाध्य होगा।