रायपुर। नवा रायपुर के आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कैबिनेट की सब कमेटी के साथ बुधवार शाम को चर्चा की। मंत्रालय महानदी भवन में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, कलेक्टर सौरभ कुमार और नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) सीईओ अय्याज तंबोली के साथ करीब एक घंटे चली बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
टिकैत ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्री रविंद्र चौबे ने आश्वासन दिया है कि गुरुवार को उनकी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कराएंगे। कैबिनेट कमेटी के सदस्यों के मौजूद नहीं होने के कारण फैसला नहीं हो पाया। टिकैत ने कहा कि किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो लड़ाई का रास्ता खुला है। इस संबंध में गुरुवार को तय करेंगे कि आगे क्या करना है। किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा कि पहले भी कई बार बैठक हुई है, वैसे ही इस बार भी आश्वासन दिया गया और कुछ नहीं हुआ।
छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में तीन माह से आंदोलनरत 27 गांवों के किसानों को समर्थन देने के लिए बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने किसानों को रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) कार्यालय के सामने से बलपूर्वक हटाने को गलत बताते हुए चेतावनी दी कि नवा रायपुर के किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो यहां भी दिल्ली जैसा आंदोलन किया जाएगा।
एनआरडीए कार्यालय के सामने से हटाने के बाद किसान अब नवा रायपुर के कयाबांधा गांव में धरनारत हैं। यहां पहुंचे टिकैत ने कहा कि शासन-प्रशासन को ताकत से नहीं, बातचीत से समस्या का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने मोर्चा द्वारा चुनाव लड़ने के सवाल को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई स्वतंत्र रूप से लड़ना चाहे तो लड़ सकता है। उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। वैसे टिकैत ने यह भी कहा कि अन्य प्रदेशों से मुकाबले यहां फसलों का समर्थन मूल्य अधिक मिल रहा है। केंद्र सरकार को एथेनाल बनाने के लिए अनुमति देनी चाहिए। टिकैत के साथ मोर्चा के सचिव युद्धवीर सिंह भी पहुंचे थे।