अम्बिकापुर (सीतापुर/अनिल उपाध्याय)। प्रदेश स्तर पर स्वच्छ, सुंदर और सुव्यवस्थित स्वास्थ्य केंद्र का तमगा पाने हेतु हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा चयनकर्ताओं को रिझाने पूरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों की पूरी टीम दिन रात एक किए हुए है और लाखो रुपये खर्च कर युद्धस्तर पर स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प कराने में भिड़ी हुई है। अंदर से लेकर बाहर के सभी दीवारों का रंगरोगन करा उसपर भित्तिचित्र बनाये जा रहे है साथ मे जितने भी गार्डन है उन सब की साफ सफाई कराके उन्हें संवारा जा रहा है। इस कायाकल्प के दौरान स्वास्थ्य केंद्र से निकलने वाला कचरा देख ऐसा लग रहा है जैसे सालो से इसकी सफाई नही हुई हो। आलम ये है कि सारे चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी छोड एक सूत्रीय अभियान के तहत पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प करने में जुटे हुए है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छतीसगढ़ द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों का रख रखाव, साफ सफाई एवं उच्च गुणवत्ता कायम रखने कायाकल्प योजना संचालित की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश स्तर पर पहला स्थान हासिल करने वाले सीएचसी को 20 लाख, दूसरा को 10 एवं तीसरे को 2 लाख का सांत्वना पुरुस्कार प्रदान किया जाता है। इस योजना को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में एक मुकाबला से हो गया है और इसी मुकाबले के तहत नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प एक अभियान के तहत जारी है।
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक स्वास्थ्यकर्मी समेत किराए के मजदूर विगत कई दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प करने दिन रात एक किए हुए है। स्वास्थ्य केंद्र की वर्षो से जर्जर पड़ी बिजली व्यवस्था सुधारी जा रही है। वार्डो की टूटी खिड़कियां बदली जा रही है साथ मे वर्षो से जमी धूल साफ किया जा रहा है। खिड़की एवं दरवाजो के शीशे जालियां चमकाई जा रही है और उनमें पर्दे लगाए जा रहे है। ये सब देख उपचार कराने आने वाले लोग एवं मरीज भी परेशान है कि आखिर ये हो क्या रहा है। सभी वार्डो में स्टाफ को मरीजो से अच्छा व्यवहार बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं यही वजह है कि हमेशा अकड़कर बात करने वाले स्वास्थ्यकर्मी इन दिनों बड़े प्यार से बाते कर रहे है जिसे देख मरीज बड़े हैरान है। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र के सालो से गंदगी की मार झेल रहे शौचालयों को साफ सुथरा रखा जा रहा।
भीतर एवं बाहर की दीवारों की रंगाई पोताई करा उनमें भित्तिचित्र बनाये जा रहे है साथ मे वर्षो से उपेक्षा का शिकार बने गार्डेन बड़े खूबसूरत अंदाज़ में संवारे जा रहे है। स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो को स्वच्छ वातावरण मुहैय्या कराने इंफेक्शन पर कंट्रोल करने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे है। इन दिनों स्वास्थ्य केंद्र का ये आलम है कि कायाकल्प हेतु सारे चिकित्सक एवं स्टॉफ ड्यूटी छोड़कर स्वास्थ्य केंद्र की साफ सफाई हेतु एक सूत्रीय अभियान में जुट गए। उनके इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य केंद्र से निकलने वाला कचरा देख ऐसा लग रहा था जैसे सालो से स्वास्थ्य केंद्र की साफ सफाई नही कराई गई हो।
सात मानकों पर उतरना पड़ता है खरा
कायाकल्प योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्र को सात मानकों जिनमे स्वास्थ्य केंद्र का रख रखाव, साफ सफाई, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सुविधाएं हाइजीन प्रमोशन पर खरा उतरना होता है। इसी के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपने आपको इन मानकों पर खरा साबित करने और चयन एवं मूल्यांकनकर्ताओं को रिझाने लाखो रुपये पानी की तरह बहाकर स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प करा रही है। ताकि प्रदेश स्तर पर अपना दबदबा बनाकर कायाकल्प योजना के तहत इनाम हासिल कर सके।
इस संबंध में बीएमओ डॉ अमोष किंडो ने बताया कि सभी का सपना होता है कि वो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत एक मुकाम हासिल कर सके। इसी तरह हमारा भी प्रयास है कि हम भी कायाकल्प योजना के मानक पर खरा उतरे और प्रदेश स्तर पर पहला स्थान हासिल कर सके।