जांजगीर-चाम्पा। मनरेगा अनियमित कर्मचारी 4 अप्रैल से लगातार हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल के दौरान विभिन्न प्रकार के आयोजन करते हुए सरकार को जन घोषणा पत्र में किए गए नियमितीकरण के वादे की याद दिला रहे हैं। शुक्रवार को नवागढ़ विकासखंड में जहां पर पकौड़े तलकर उन्हें बेचकर जो पैसे कमाए गए गए उसे सरकार को भेजेंगे। तो वही अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने मांग का समर्थन करते हुए नियमितीकरण की मांग कर रहे। बलौदा विकासखंड के धरना में पहुंच कर कर्मचारियों को संबोधित किया और कहा कि या तो सरकार वादे को पूरा करें या अपनी गद्दी छोड़ दे। तो वही डभरा विधायक रामकुमार यादव को कर्मचारियों ने 2 सूत्रीय मांगों का समर्थन करने को लेकर पत्र सौंपा है।
वही सभी विकासखंड में जिला एवं जनपद के कर्मचारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी करते हुए 2 सूत्रीय मांग की याद दिलाई। नियमितीकरण करने को लेकर कांग्रेस के चुनावी जन घोषणा पत्र में किए गए वादे को लगातार याद दिला रहे हैं। सरकार ने कहा था कि पहला साल किसानों का होगा दूसरा साल कर्मचारियों का बावजूद सरकार के 3 साल बीत जाने के बाद भी अनियमित कर्मचारियों को नियमित किए जाने के संबंध में सरकार कोई पहल नहीं कर रही है सरकार को कई मंचों पर ज्ञापन भी इस संबंध में सौपे गए बावजूद कर्मचारियों के हित में अब तक कोई भी निर्णय सरकार के द्वारा नहीं लिया गया तीन साल बाद सरकार को याद दिलाने को लेकर अनियमित कर्मचारियों ने पकौड़े तले और जो पैसे प्राप्त हुए उनको सरकार को भेजकर नियमित करने कहा जायेगा।
अकलतरा विधायक हुए धरना में सम्मिलित
अकलतरा विधायक सौरभ सिंह बलौदा विकासखंड में मनरेगा कर्मचारियों के धरना में सम्मिलित हुए और 2 सूत्रीय मांगों को लेकर अपना समर्थन दिया। इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा कर्मचारियों की बदौलत ही सरकार राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त कर रही है, मनरेगा कर्मचारियों ने कोरोना काल मे जो कार्य किया। कड़ी मेहनत करने वालो का जब नियमितीकरण का वादा किया है तो पूरा करे नही तो सरकार अपनी गद्दी को छोड़ दे।
डभरा विधायक मंत्री परिषद में करेंगे चर्चा
शुक्रवार को डभरा विधायक रामकुमार यादव से मनरेगा अनियमित कर्मचारियों के संगठन के सदस्यों ने मुलाकात की और अपनी 2 सूत्रीय मांगों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वे कर्मचारियों के मांग को मंत्री परिषद की बैठक में रखेंगे और सोमवार को समर्थन पत्र भी देंगे।