लखनऊ। विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद यूपी कांग्रेस में रार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रभारी महासचिव के भी इस्तीफा देने की परंपरा रही है। जीशान ने कहा कि, चुनाव में हार का ठीकरा सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पर फोड़ना अनुचित है।
जीशान हैदर का तर्क है कि, प्रियंका गांधी के यूपी प्रभारी होने पर प्रदेश अध्यक्ष अपनी मर्जी से एक चपरासी भी नहीं रख सकते थे। जब भी कांग्रेस चुनाव हारी है, तब प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ने ही इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि, 2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और प्रभारी दिग्विजय सिंह ने इस्तीफा दिया था। इसी तरह 2017 का चुनाव हारने के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने भी इस्तीफा दिया था। लिहाजा इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रभारी महासचिव का भी इस्तीफा मांगा जाना चाहिए।
6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित हुए जीशान
जीशान ने पत्र में यह भी लिखा है कि, प्रियंका गांधी के प्रभारी बने रहने से उनकी पुरानी टीम ही सक्रिय रहेगी, जिनकी वजह से 387 सीटों पर पार्टी जमानत जब्त हुई है। गौरतलब है कि, विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही जीशान हैदर प्रियंका गांधी और उनकी टीम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। फिलहाल पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। वहीं जीशान का कहना है कि, वे एआईसीसी के सदस्य हैं। लिहाजा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को उन्हें निष्कासित करने का अधिकार नहीं है।