फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अनुरोध पर मानवीय गलियारों को खोलने के लिए रूसी सेना ने यूक्रेन में शाम 7 बजे से युद्धविराम की घोषणा की। बता दें कि, रूस और यूक्रेन की जंग को 12वां दिन बीत गए हैं। यूक्रेन में तबाही मची है, लोग जान बचाकर भाग रहे हैं। लाखों लोग फंसे हैं, ये सभी डर के माहौल में जी रहे हैं।
यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने चार इलाकों में सीजफायर का ऐलान किया है। इससे भारतीय छात्रों को भी राहत मिलेगी। यूक्रेन के जिन चार इलाकों में रूस ने सीजफायर का ऐलान किया है। उसमें राजधानी कीव के साथ-साथ मारियूपोल, खारकीव और सुमी शामिल है।
रूस की तरफ से यह वक्त वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए दिया गया है। बता दें कि यूक्रेन के सुमी में अभी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिनको निकालने में अब आसानी होगी। हालांकि, रूस पहले भी सीजफायर की बात कर चुका है, लेकिन तब इस सीजफायर का उल्लंघन भी हुआ था।
रूस की तरफ से युद्धविराम का फैसला अहम वक्त पर आया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात करेंगे। दोनों से पीएम मोदी अलग-अलग बात करेंगे। जानकारी के मुताबिक, बातचीत का मुख्य एजेंडा यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित निकालना है। बता दें कि खारकीव में रूसी बमबारी में एक भारतीय छात्र (नवीन) की मौत हो गई थी।
अनुमान के मुताबिक, सुमी में 600 से ज्यादा भारतीय अभी भी फंसे हैं। बीते 10 दिनों से ये छात्र डर के साये में जी रहे हैं, क्योंकि सुमी में भी रूसी सेना की बमबारी जारी है।
भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए मोदी सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। रविवार को मिले आंकड़े के मुताबिक, अबतक ऑपरेशन गंगा के तहत 76 फ्लाइट्स भेजी गई हैं, जिसमें 15,920 भारतीयों को यूक्रेन से लाया गया। भारतीयों को पोलैंड में Rzeszow, बुडापेस्ट और सुसेवा (रोमानिया) से निकाला जा रहा है।
युद्ध के शुरुआती दिनों में अनुमान था कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय छात्र और नागरिक मौजूद हैं, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पता चला कि इनकी संख्या और ज्यादा है। फरवरी के आखिरी हफ्ते तक 21 हजार भारतीय यूक्रेन से निकल गए थे। इसमें 19,920 वे लोग भी शामिल थे, जो भारत लौटे थे।